Tax On Gold: अगर आप सोना खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं, तो पहले यह जान लेना जरूरी है कि इस पर कितना टैक्स देना पड़ेगा। सरकार ने सोने की खरीद बिक्री पर कई तरह के टैक्स और चार्ज लगाए हैं, जिन्हें समझे बिना अगर आप सोना खरीदते या बेचते हैं, तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए, ज्वैलर्स के पास जाने से पहले GST, मेकिंग चार्ज, TDS और कैपिटल गेन्स टैक्स की पूरी जानकारी होना जरूरी है।
सोने की खरीद पर टैक्स और चार्ज
जब आप सोने के गहने खरीदते हैं, तो आपको मेकिंग चार्ज देना होता है। यह वह रकम होती है, जो ज्वैलर्स गहनों को तैयार करने के लिए लेते हैं। यह चार्ज 1% से 25% तक हो सकता है। हालांकि, कुछ दुकानदारों से मोलभाव करके इसे थोड़ा कम करवाया जा सकता है।
सोने पर GST का हिसाब
अगर आप सोने की ज्वैलरी खरीदते हैं, तो आपको 3% GST देना होता है। उदाहरण के लिए, अगर आप ₹20,000 के गहने खरीदते हैं, तो आपको ₹600 GST अलग से चुकाना होगा।
TDS का भुगतान
अगर आप ₹1 लाख या उससे ज्यादा का सोना खरीदते हैं, तो आपको 1% TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) देना होगा। उदाहरण के लिए, अगर आपने ₹1,50,000 का सोना खरीदा, तो आपको ₹1,500 TDS देना होगा।
सोना बेचने पर कितना टैक्स देना होगा
फिजिकल गोल्ड बेचने पर टैक्स
अगर 3 साल के अंदर सोना बेचते हैं, तो आपकी आमदनी के अनुसार शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना होगा।
अगर 3 साल के बाद सोना बेचते हैं, तो 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगेगा।
डिजिटल गोल्ड पर टैक्स
अगर आप डिजिटल गोल्ड (जैसे गोल्ड ETF, गोल्ड म्यूचुअल फंड या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड) में निवेश करते हैं, तो इस पर भी टैक्स लगेगा।
3 साल के अंदर बेचने पर, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना होगा।
3 साल बाद बेचने पर, 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना होगा।
डिजिटल प्लेटफॉर्म से सोना खरीदने पर टैक्स
अगर आप Paytm, Google Pay, PhonePe जैसी ऐप्स से डिजिटल गोल्ड खरीदते हैं, तो जब आप इसे बेचेंगे, तब आपको उसी हिसाब से टैक्स चुकाना होगा।सोना खरीदना या बेचना बड़ा वित्तीय निर्णय होता है, और इस पर सरकार ने कई तरह के टैक्स लागू किए हैं। मेकिंग चार्ज, GST, TDS और कैपिटल गेन्स टैक्स की पूरी जानकारी होने से आप बिना किसी नुकसान के सही फैसला ले सकते हैं। अगर आप निवेश के तौर पर सोना खरीद रहे हैं, तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ETF पर टैक्स छूट के फायदे का इस्तेमाल कर सकते हैं।