women ownership in housing schemes उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है। अब इन योजनाओं के तहत बनने वाले ज्यादातर पक्के मकान महिलाओं के नाम पर ही दिए जाएंगे। इससे सरकार का मकसद महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और समाज में उनकी स्थिति को बेहतर बनाना है।
महिलाओं के लिए बढ़ेगा स्वामित्व का अधिकार
यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस संबंध में अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि अगर कोई बहुत जरूरी कारण न हो तो घर महिला मुखिया के नाम पर ही दिया जाए। इसका मकसद यह है कि महिलाओं को भी घर और संपत्ति पर अधिकार मिले और वे आत्मनिर्भर बन सकें।
अगर किसी स्थिति में मकान पुरुष मुखिया के नाम पर भी दिया जाता है, तो उसमें महिला का नाम जोड़ना अनिवार्य होगा। इसका मतलब यह हुआ कि घर पर महिला का भी कानूनी हक रहेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि महिलाएं भी पारिवारिक संपत्ति में अपनी हिस्सेदारी को महसूस करें और किसी भी परिस्थिति में उनके अधिकार सुरक्षित रहें।
परिवारों को मिलेंगी अतिरिक्त सुविधाएं
सरकार ने आवास योजना के तहत मिलने वाले घरों में कुछ नई सुविधाएं देने का भी फैसला किया है। इनमें सोलर लाइट, पानी की टंकी और सहजन का पेड़ लगाने जैसी योजनाएं शामिल हैं।
सोलर लाइट,ग्रामीण इलाकों में बिजली की समस्या आम बात है। इसलिए सोलर लाइट लगवाने से लोगों को फायदा होगा।
पानी की टंकी, कई गांवों में पीने के पानी की समस्या बनी रहती है, इसलिए हर घर में पानी की टंकी लगाई जाएगी।
सहजन का पेड़, सहजन (ड्रमस्टिक) के पेड़ को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसलिए हर घर के बाहर यह पेड़ लगाया जाएगा, जिससे पोषण और पर्यावरण दोनों को फायदा मिलेगा।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
इस फैसले से यूपी में महिलाओं की स्थिति मजबूत होगी। अभी तक आमतौर पर घर और जमीन का मालिकाना हक पुरुषों के पास होता था, लेकिन अब महिलाओं को भी कानूनी तौर पर घर का मालिक बनाया जा रहा है।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि महिलाएं खुद को ज्यादा सुरक्षित और आत्मनिर्भर महसूस करेंगी। अगर कभी परिवार में कोई परेशानी आती है तो महिला के नाम पर घर होने से उसे बेघर होने का डर नहीं रहेगा। यह बदलाव समाज में महिलाओं के प्रति सोच को भी बदलने में मदद करेगा।
सरकार का मकसद क्या है
सरकार चाहती है कि गांवों में महिलाओं को भी समान अधिकार मिले और वे अपने फैसले खुद ले सकें। अब तक ऐसा देखा गया था कि अधिकतर संपत्तियां पुरुषों के नाम पर होती थीं, जिससे महिलाओं को कई बार परेशानी का सामना करना पड़ता था।
यह बदलाव महिलाओं को संपत्ति पर हक देने और उनके जीवन को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।