Mahakumbh Mela in Prayagraj प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में हर दिन लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने नए यातायात और स्नान नियम जारी किए हैं ताकि सब कुछ सुचारू रूप से चल सके और किसी को कोई दिक्कत न हो।
अब इन घाटों पर स्नान कर सकते हैं श्रद्धालु
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि श्रद्धालु सिर्फ संगम तक ही सीमित नहीं रहेंगे। अब वे अलग-अलग घाटों पर भी स्नान कर सकेंगे। झूंसी से आने वाले श्रद्धालु झूंसी के स्नान घाटों पर डुबकी लगा सकते हैं। इसी तरह, अरली की ओर से आने वाले भक्त अरली क्षेत्र में बने स्नान घाटों पर गंगा स्नान कर सकते हैं। यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि संगम पर ज़रूरत से ज़्यादा भीड़ न बढ़े और हर किसी को आसानी से स्नान करने का मौका मिले।
मेले में निजी वाहनों की एंट्री बंद
प्रयागराज में महाकुंभ मेले के पूरे इलाके को ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित किया गया है। इसका मतलब है कि आम लोग अपने निजी वाहनों को मेला क्षेत्र में नहीं ले जा सकेंगे। केवल मेला पुलिस द्वारा अधिकृत वाहन ही अंदर जा सकेंगे। जो लोग अपने वाहनों से आ रहे हैं, उन्हें प्रशासन द्वारा तय किए गए पार्किंग स्थलों पर गाड़ी खड़ी करनी होगी।
एम्बुलेंस और ज़रूरी गाड़ियों को छूट
हालांकि, प्रशासन ने यह भी कहा है कि आपातकालीन सेवाओं से जुड़ी गाड़ियों को मेले में आने की अनुमति दी जाएगी। इसमें एम्बुलेंस, मेडिकल सेवाओं की गाड़ियां और भोजन या रसद से जुड़ी गाड़ियां शामिल हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें ताकि सब कुछ सुचारू रूप से चलता रहे और कोई परेशानी न हो।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष वंदे भारत ट्रेन
रेलवे ने महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 15, 16 और 17 फरवरी को विशेष वंदे भारत ट्रेनें चलाने का ऐलान किया है। नई दिल्ली से वाराणसी (प्रयागराज होते हुए) के बीच ट्रेन नंबर 02252/02251 चलाई जाएगी। यह ट्रेन नई दिल्ली से सुबह 5:30 बजे चलेगी, 12:00 बजे प्रयागराज पहुंचेगी और 14:20 बजे वाराणसी पहुंचेगी।
दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक मेला
महाकुंभ में उमड़ी भीड़ ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन बना दिया है। यह मेला अब 500 मिलियन से ज्यादा लोगों के शामिल होने के कारण अमेरिका, रूस, ब्राजील और पाकिस्तान जैसे बड़े देशों की कुल आबादी से भी बड़ा बन गया है।
अब तक विभिन्न स्नान पर्वों पर करोड़ों श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। प्रशासन के अनुसार, पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़, मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़, मौनी अमावस्या पर 7.64 करोड़, बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ और माघ पूर्णिमा पर 1.4 करोड़ लोगों ने स्नान किया। इसके अलावा, शनिवार शाम तक 79 लाख से ज्यादा श्रद्धालु संगम पर पवित्र स्नान कर चुके थे।