Social Media: नई दिल्ली, दूरसंचार विभाग (DoT) ने सभी बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को एक सख्त निर्देश दिया है। इस निर्देश के तहत Google, Meta, Instagram और X जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को उन सभी ऐप्स और कंटेंट को हटाना होगा, जो कॉलर ID बदलने की सुविधा देते हैं। आसान भाषा में कहें तो ऐसे ऐप्स जो किसी को फोन करने पर नंबर बदलने का ऑप्शन देते हैं, अब सोशल मीडिया से हटाने होंगे।
कॉलर ID छिपाना बना अपराध
दरअसल, Telecommunications Act 2023 के तहत किसी भी तरह से कॉलर ID से छेड़छाड़ करना अब अपराध माना जाएगा। इसे CLI स्पूफिंग कहा जाता है। यानी अगर कोई व्यक्ति अपनी असली पहचान छिपाकर किसी और नाम या नंबर से कॉल करता है, तो यह गैरकानूनी होगा।DoT ने यह फैसला तब लिया जब एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें बताया गया था कि लोग अपनी कॉलर ID कैसे बदल सकते हैं। इस वीडियो में दिखाया गया था कि अगर कोई ऐसा ऐप डाउनलोड कर ले, तो वह अपनी असली पहचान छिपाकर किसी और नाम या नंबर से कॉल कर सकता है।
28 फरवरी तक करना होगा नियमों का पालन
अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को 28 फरवरी 2025 तक ऐसे सभी ऐप्स और कंटेंट को हटाना होगा। अगर कोई कंपनी इन नियमों का पालन नहीं करती है, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अगर नियम तोड़े तो क्या होगा
तीन साल तक की जेल हो सकती है।
50 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
ऐसी ऐप्स बनाने या प्रमोट करने वाली कंपनियों पर भी कार्रवाई होगी।
सोशल मीडिया पर DoT का सीधा दखल
वैसे तो सोशल मीडिया से जुड़े नियम मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड IT (MeitY) बनाती है, लेकिन कॉलर ID से छेड़छाड़ एक टेलीकॉम से जुड़ा मामला है, इसलिए इस बार खुद DoT ने कदम उठाया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि कोई भी ऐप, वेबसाइट या सोशल मीडिया पोस्ट, जो ऐसे फर्जी नंबर वाली सर्विस को बढ़ावा देता है, उसे हटाना जरूरी होगा।
फर्जी कॉलर ID से क्यों बढ़ी चिंता
कॉलर ID से छेड़छाड़ करके लोग किसी को धोखा दे सकते हैं, फर्जी कॉल्स कर सकते हैं या किसी को ब्लैकमेल कर सकते हैं। कई बार ऐसे फर्जी नंबर से कॉल आने पर लोग डर जाते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं।
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अब इससे क्या बदल जाएगा
इस नए नियम के बाद अब कोई भी यूजर अपनी असली पहचान छिपाकर कॉल नहीं कर पाएगा।
सोशल मीडिया पर ऐसे ऐप्स और ट्रिक्स शेयर करने वालों पर भी कार्रवाई होगी।सरकार का मकसद ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकना और आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।