देहरादून ऑनलाइन डेस्क। हम संस्कृत के छात्रों को रोजगार परक शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहें हैं । संस्कृत का एक भी छात्र बेरोजगार नहीं रहना चाहिए इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने चाहिए। विश्वविद्यालय प्लेसमेंट सेल को सक्रिय भूमिका में सहयोग करे। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय और आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिक मिलकर एआई संस्कृत पर काम कर रहे है। जल्द ही दोनों संस्थानों को इस प्रोजेक्ट में सफलता हासिल होगी। ये बातें उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार में इंडियन एसोसिएशन ऑफ योगा और योग विज्ञान विभाग उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग कॉन्फ्रेंस के द्वितीय दिवस के समापन सत्र के दौरान सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार गैरोला ने कही।
आधे घंटे का पैकेज करें तैयार
सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार गैरोला ने आगे कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में भारत में बढ़ते मोटापे को नियंत्रित करने की सलाह दी है। अतः उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय योग विज्ञान विभाग के अंर्तगत मोटापा घटाने हेतु आसन-प्राणायाम का आधे घंटे का एक पैकेज बना कर उसको प्रचारित प्रसारित भी करें, जिससे समाज का भला हो सके। इसके साथ ही उन्होंने अष्टांग योग के अंतर्गत यम-नियम के शिक्षण हेतु भी अलग से व्यवस्था करने के निर्देश दिए। साथ ही केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की अष्टादशी योजना के अंतर्गत गत वर्ष दिसंबर माह में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गणों को दिये गये लक्ष्यों के तहत प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। जिससे भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से फंड की व्यवस्था की जा सके।
जन-जन तक ले जाने की आवश्यकता
अति विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे रघुनाथ कीर्ति केंद्रीय विश्वविद्यालय देवप्रयाग परिसर के निदेशक प्रो. पी. वी. बी. सुब्रमण्यम ने कहा कि योग के वास्तविक स्वरूप को जन-जन तक ले जाने की आवश्यकता है। इसमें सभी योग संस्थानों को एक साथ मिलकर काम करना होगा। साथ ही कहा कि भारतीय जीवन शैली योगमय है और इसी कारण पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय लोगों में मानसिक तनाव कम है।
योग से जुड़े नए अनुसंधानों पर कार्य करेंगे
अध्यक्षीय उद्बोधन में उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश शास्त्री ने कहा कि विश्वविद्यालय निरंतर नई ऊंचाइयों को छू रहा है। इसी कड़ी में उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय और स्वामी विवेकानंद योग संस्थान बेंगलुरु ने एक एमओयू साइन किया है। जिसमें कि दोनों विश्वविद्यालयों के रिसर्च स्कॉलर और अन्य छात्र- छात्राएं , शिक्षक एक दूसरे के विश्वविद्यालयों का शैक्षिक भ्रमण कर सकेंगे । साथ ही योग से जुड़े नए अनुसंधानों पर कार्य करेंगे।
इन्होंने भी किया संबोधित
प्रथम सत्र में प्रमुख रूप से डॉ. पीसी मालसे वा डॉ .अमरजीत यादव के विशिष्ट व्याख्यान हुए। द्वितीय सत्र में कुमारी नीलू, दिशा देवी, चेतना पांडे,चंद्रकांत,भूपेंद्र,भानु प्रिया, ए लॉर्ड मारिया, विनीता यादव, अनुष्का सैनी, आदि ने अपने शोध पत्रों का वाचन किया। इस सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर सरस्वती काला और डॉ सोमलता झा की, द्वितीय दिवस के तृतीय सत्र में स्वामिनी शंकरी, साक्षी शर्मा,एस वेलविझी,आदर्श श्रीवास,ज्योति गुप्ता, भाविशा, गोविंद सिंह, सागर आदि ने अपने शोध पत्र का वाचन किया। इस सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर सुरेश वर्णवाल, डॉ. नरेंद्र सिंह और डॉ उधम सिंह ने की।
ये लोग रहे मौजूद
कार्यक्रम के अंत में कांफ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉक्टर कामाख्या कुमार ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मंच का संचालन डॉ विनय शेट्टी ने कियाइस अवसर पर डा. उमेश शुक्ल ,डॉ शिवचरण नौडियाल, डॉ अनूप बहुखंडी, प्रतिभा सिंह , डा ललित शर्मा डॉ महेश भट्ट,डॉ अनुपम कोठारी,डॉ अंजना, डॉ मोहित सैनी, मीमांसा सिंह, सिद्धार्थ पांडेय, दिशांत शर्मा,आशीष पंवार, सौरभ शर्मा, पीयूष मलिक आदि उपस्थित रहे।