Maha Kumbh 2025/ मोहसिन खान/नोएडा डेस्क: महाकुंभ 2025 का दिव्यता और भव्यता के साथ अनगिनत रिकॉर्ड के साथ समापन हो गया। तीर्थराज नगरी प्रयागराज में तो स्वच्छता और सुरक्षा के रिकॉर्ड भी बने। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ ही दुनिया ने भी न केवल भव्य आयोजन को देखा बल्कि मुक्तकंठ से प्रशंसा भी की। उधर प्रयागराज के बाद काशी विश्वनाथ की ओर कूच करने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं ने काशी में भी कई अनोखे रिकॉर्ड बना दिए।
यहां पर 100 करोड़ से ज्यादा की कीमत के रुद्राक्ष बिक गए और 30 करोड़ की कीमत के चंदन के टीके लगे। मोटे तौर पर 45 दिन में काशी में 4.32 करोड़ श्रद्धालु काशी पहुंचे और एक अनुमान के तौर पर हर रोज़ करीब 5 लाख लोगों ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए।
काशी में कमाई का ये रहा रिकॉर्ड
काशी की अगर बात करें तो श्रद्धालुओं की संख्या से लेकर कमाई और बाबा विश्वनाथ से जुड़े कई अन-ब्रेकेबल रिकॉर्ड बने। यहां करीब 14 देशों और 24 राज्यों से श्रद्धालु पहुंचे और बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। मलेशिया, ब्रिटेन, रूस, यूक्रेन, इंग्लैंड, नेपाल, बांग्लादेश के (Maha Kumbh 2025) लोग सबसे ज्यादा आए। जबकि देश में मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से सबसे ज्यादा संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
एक अनुमान के मुताबिक महाकुंभ से आधी भीड़ काशी में रही, जिसके लिए कस्टमर को बाइक से होटल तक लाने की सुविधा भी दी गई। करीब 5 हज़ार लोगों ने अपने घरों को होम स्टे में तब्दील कर दिया और 45 दिन के भीतर होम स्टे कॉन्सेप्ट से अच्छा-खासा बिजनेस किया। वहीं होटल करोबारियों ने करीब 1620 करोड़ का कारोबार किया, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
वहीं काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में 400 दुकानों पर रुद्राक्ष, स्फटिक और पीतल की मूर्तियों की खूब बिक्री हुई। पहली बार ऐसा हुआ कि स्टॉक तक खत्म हो गया। 45 दिन में सिर्फ ये मालाएं ही 36 लाख रुपए की बिक गईं। माता अन्नपूर्णा और कुबेर की पीतल की प्रतिमा, शिवलिंग, रुद्राक्ष सबसे ज्यादा बिके।
30 करोड़ के चंदन के टीके और नाव वालों की बल्ले-बल्ले
काशी विश्वनाथ में चंदन टीका लगाने वाले पंडितों का भी जमावड़ा लगा रहा। एक अनुमान के मुताबिक करीब 1 हज़ार पंडितों ने श्रद्धालुओं के माथे पर चंदन का तिलक लगाया और माना जा रहा है कि 30 करोड़ से ज्यादा की कमाई चंदन का टीका लगाने से हुई। ये भी अपने आप (Maha Kumbh 2025) में एक नया और अनोखा रिकॉर्ड है। जबकि 45 दिनों में काशी के 84 घाटों पर क्रूज की कमाई 3240.8 करोड़ हुई और छोटी नाव चलाने वालों ने 191 करोड़ रूपए की कमाई की और रिकॉर्ड बना दिया। काशी में अगर खाने की बात करें तो टॉफी-चॉकलेट और बिस्किट बेचने वालों ने अपना करोबार बदल दिया और वहां पर छोटे-छोटे भोजनालय खोल दिए और एक थाली की कीमत 100 रूपए रही। एक आंकड़े के मुताबिक 45 दिनों में छोटे-छोटे भोजनालयों ने 1575 करोड़ की कमाई की।