General knowledge: आजकल ज्यादातर लोग रात में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। दिनभर की भागदौड़ के बाद जब समय मिलता है, तब लोग बेफिक्र होकर फोन चलाते हैं। कुछ लोग मोबाइल इस्तेमाल करते-करते सो जाते हैं, तो कुछ लोग इसे तकिए के पास रखकर सोते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह होती है कि सुबह का अलार्म मोबाइल में सेट होता है, जो समय पर उठने में मदद करता है। लेकिन क्या सच में तकिए के पास मोबाइल रखकर सोने से मौत हो सकती है? या फिर इससे ब्रेन डेड होने का खतरा रहता है? आइए, इस पर सही जानकारी लेते हैं।
क्या मोबाइल रेडिएशन से हो सकती है मौत?
कई लोगों को यह गलतफहमी है कि अगर वे मोबाइल को सिर के पास या तकिए के नीचे रखकर सोते हैं, तो यह खतरनाक रेडिएशन छोड़ सकता है, जिससे ब्रेन डेड हो सकता है या मौत भी हो सकती है। लेकिन यह सिर्फ एक अफवाह है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) जैसे बड़े संगठनों का कहना है कि अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है, जिससे यह साबित हो कि मोबाइल फोन से निकलने वाला रेडिएशन मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है।
नींद पर पड़ता है असर
हालांकि, यह सच है कि रात में ज्यादा देर तक मोबाइल का इस्तेमाल करने से नींद प्रभावित हो सकती है। स्मार्टफोन से निकलने वाली ब्लू लाइट शरीर की मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को कम कर देती है, जो अच्छी नींद के लिए जरूरी होता है। यही वजह है कि देर रात तक मोबाइल चलाने वाले लोगों को नींद आने में मुश्किल होती है और उनकी नींद की गुणवत्ता भी खराब हो जाती है।
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क्या करें और क्या न करें?
मोबाइल को तकिए से दूर रखें: सोते समय मोबाइल को सिर के पास न रखें, बल्कि उसे टेबल या किसी अन्य जगह पर रखें।
सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल कम करें: रात में सोने से एक घंटे पहले मोबाइल से दूरी बना लें, ताकि अच्छी नींद आ सके।
ब्लू लाइट फिल्टर ऑन करें: अगर रात में मोबाइल का इस्तेमाल करना जरूरी हो, तो ब्लू लाइट फिल्टर ऑन करें।
मोबाइल की जगह अलार्म घड़ी का इस्तेमाल करें: अगर आपको सुबह अलार्म की जरूरत होती है, तो मोबाइल के बजाय अलार्म घड़ी का इस्तेमाल करें।