नई दिल्ली ऑनाइन डेस्क। कानपुर के विकास दुबे की तरह झारखंड की एसटीएफ ने खूंखार गैंगस्टर अमन साहू को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। एसटीएफ की टीम अपराधी को गाड़ी में पर बैठाकर ले जा रही थी। तभी गाड़ी पलट गई। अमन साहू ने पुलिसकर्मी के हथियार छीनकर भागने का प्रयास किया। एसटीएफ ने पीछा किया तो अमन ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी में कार्रवाई में एसटीएफ ने विकास की तरह अमन साहू का भी काम तमाम कर दिया।मारे गए अपराधी पर 100 से अधिक मुकदमे दर्ज थे। अमन साहू का नाम एनटीपीसी डीजीएम मर्डर केस में भी सामने आया था।
फिर पलटी पुलिस की गाड़ी
छत्तीसगढ़ पुलिस ने कुख्यात हिस्ट्रीशीटर को कुछ माह पहले गिरफ्तार किया था। झारखंड एसटीएफ ने कोर्ट के जरिए उसे रिमांड में लिया था। मंगलवार को झारखंड पुलिस और एसटीएफ उसे रायपुर से रांची लेकर आ रही थी। इसी दौरान पुलिस की गाड़ी पलामू में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। तभी अमन साहू पुलिस का हथियार छीनकर भागने लगा। एसटीएफ की टीम ने अमन साहू को पीछा किया तो उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में अमन साहू को गोली लगी और उसकी मौत हो गई। अमन साहू पर 100 से अधिक केस दर्ज थे। झारखंड की पुलिस उसकी तलाश में ऑपरेशन चलाए हुए थे। अमन भागकर छत्तीसगढ़ चला गया था।
कौन था गैंगस्टर अमन साहू
अमन साहू रांची के ठाकुरगांव के समीप मतबे गांव का रहने वाला था। उस पर झारखंड में रंगदारी, हत्या, एक्सटॉर्शन सहित 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वह एक समय में हार्डकोर नक्सली भी था। करीब 2013 में उसने अपना गैंग बनाया था। इंटरनेट मीडिया फेसबुक पर उसने कई बार हथियार लहराकर फोटो भी पोस्ट किया था।शातिर अपराधी ने डीजीएम कुमार गौरव की एनटीपीसी के केरेडारी स्थित दफ्तर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसी के बाद झारखंड पुलिस और एसटीएफ ने ऑपरेशन शुरू किया और अमन साहू को मुठभेड़ में ढेर कर दिया।
कई वारदातों में अमन साहू रहा शामिल
बताया जाता है कि जिस गाड़ी से छत्तीसगढ़ से उसको पुलिस लेकर रांची आ रही थी वह गाड़ी पलामू के रामगढ़ क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। अमन को एसटीएफ की टीम लेकर आ रही थी और एसटीएफ के हाथों ही उसकी मौत हुई। एक दिन पहले ही डीजीपी ने विधानसभा में इस बात के संकेत दिए थे कि उग्रवादियों को बख्शा नहीं जाएगा। अमन साहू गिरोह झारखंड में कई सनसनीखेज अपराधों में शामिल था। इनमें एक डीएसपी पर गोलीबारी और व्यवसायियों और ठेकेदारों पर हमला, उनसे जबरन लेवी-रंगदारी वसूली का मामला भी शामिल है। इस गिरोह ने झारखंड के बाहर विभिन्न टूटे हुए नक्सली संगठनों और अन्य संगठित आपराधिक गिरोहों के साथ भी संबंध विकसित किए थे।
विकास की तरह मारा गया अमन साहू
अमन साहू को यूपी पुलिस के स्टाइल में ही एनकाउंटर किया गया। यूपी के कुख्यात अतीक अहमद के बेटे असद और गैंगस्टर विकास दुबे को भी इसी तरह मारा गया था। यूपी वाले बाबा का फार्मूला झारखंड में काम आया। बता दें, गैंगस्टर विकास दुबे की गाड़ी पलटी थी जिसके बाद भागने के क्रम में पुलिस ने उसे मार गिराया था। दरअसल, विकास दुबे ने सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। जिसके बाद एसटीएफ उसे एमपी के उज्जैन से कानपुर लेकर आ रही थी। भौंती के पास कार पलटी और विकास हथियार छीनकर भागने लगा। तभी एसटीएफ ने उसे एनकाउंटर में ढेर कर दिया।