vehicle seizure rules in Uttar Pradesh उत्तर प्रदेश के वाहन मालिकों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। यदि आपने वाहन फाइनेंस कराया है और किसी कारण से किश्त नहीं चुका पा रहे हैं, तो अब आपको बिना पूर्व सूचना के वाहन जब्त होने की चिंता करने की जरूरत नहीं है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने वाहन फाइनेंस कंपनियों और रिकवरी एजेंटों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
बिना नोटिस जब्ती पर रोक
अब फाइनेंस कंपनियां या उनके रिकवरी एजेंट बिना पूर्व सूचना के वाहन जब्त नहीं कर पाएंगे। पुलिस ने साफ कर दिया है कि किसी भी वाहन को जब्त करने से पहले मालिक को उचित सूचना देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, किसी भी प्रकार की जबरदस्ती या अभद्रता करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
न्यायालय के आदेश का पालन जरूरी
उत्तर प्रदेश पुलिस ने स्पष्ट किया कि वर्तमान रिकवरी प्रक्रिया गैरकानूनी है। पुलिस के अनुसार, फाइनेंस कंपनियों को न्यायालय के आदेशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
वाहन की जब्तीकरण प्रक्रिया के लिए मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी।
जब्तीकरण से पहले स्थानीय पुलिस को सूचित करना जरूरी होगा।
वाहन मालिक को जब्ती से पहले लिखित नोटिस भेजा जाएगा।
अगर कोई फाइनेंस कंपनी या रिकवरी एजेंट इन नियमों का पालन नहीं करता, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रिकवरी एजेंटों की मनमानी पर रोक
भदोही के पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि रिकवरी एजेंटों द्वारा वाहन मालिकों के साथ बदसलूकी और जबरदस्ती करने की कई शिकायतें मिल रही थीं।
एजेंट राह चलते वाहन रोक लेते थे और बिना किसी नोटिस के जब्त कर लेते थे।
कई मामलों में गाली-गलौच, दुर्व्यवहार और मारपीट की घटनाएं भी सामने आईं।
रिकवरी के नाम पर मनमाने तरीके से पैसे वसूले जा रहे थे।
पुलिस ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया गैरकानूनी है और अब इस पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी।
वाहन मालिकों के लिए राहत
इस नए नियम से वाहन मालिकों को राहत मिलेगी, खासकर उन लोगों को जो किसी कारणवश समय पर किश्त नहीं चुका पा रहे। अब कोई भी रिकवरी एजेंट या फाइनेंस कंपनी सीधे वाहन नहीं उठा सकती। पहले नोटिस, पुलिस की जानकारी और कानूनी प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य होगा।