जीएसटी डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह की आत्महत्या का मामला सुर्खियों में है। वह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में तैनात थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 10 मार्च को उन्होंने अपने अपार्टमेंट की 15वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी। इस मामले में पुलिस और परिजनों के अलग-अलग दावे सामने आ रहे हैं। पुलिस का कहना है कि संजय सिंह कैंसर से पीड़ित थे और डिप्रेशन में थे, जबकि उनकी पत्नी का आरोप है कि उन पर ऑफिस का भारी दबाव था, जिससे वह तनाव में आ गए थे।
इस मामले के बाद जीएसटी विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज को हटाने की मांग तेज हो गई है। अब सवाल उठ रहा है कि एम देवराज कौन हैं, उनका करियर कैसा रहा है, और उनका नाम विवादों में क्यों आता रहा है?
कौन हैं एम देवराज
एम देवराज 1996 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने 4 सितंबर 1996 को आईएएस के रूप में जॉइन किया और देहरादून के लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) से ट्रेनिंग ली। उनकी पहली पोस्टिंग असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के रूप में गोंडा में हुई थी।इसके बाद उन्होंने बलिया और गोरखपुर में संयुक्त मजिस्ट्रेट, एटा में मुख्य विकास अधिकारी, और उत्तर प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग में विशेष सचिव के रूप में काम किया।
वह कई जिलों के डीएम और कलेक्टर भी रह चुके हैं, जिनमें शामिल हैं।
कौशांबी
औरैया
श्रावस्ती
बलिया
मैनपुरी
रामपुर
बरेली
झांसी
उन्नाव
बदायूं
प्रतापगढ़
वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश के जीएसटी विभाग के प्रमुख सचिव हैं। इससे पहले, वह तकनीकी शिक्षा एवं व्यावसायिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव भी रह चुके हैं।
एम देवराज की शिक्षा और योग्यता
एम देवराज की शैक्षणिक योग्यता काफी प्रभावशाली है। उनके पास तीन अलग-अलग विषयों में मास्टर डिग्री (एमए) है
कृषि विज्ञान में एमएससी
पर्यावरण में एमए
विकास मानक में एमए
उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, उनकी सैलरी मैट्रिक्स 15 के तहत 67,000 से 79,000 रुपये प्रति माह के बीच है।
विवादों से पुराना नाता
आईएएस अधिकारी एम देवराज का नाम पहले भी विवादों में रह चुका है। जब वह उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के चेयरमैन थे, तब उनका ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से विवाद हो गया था। इस विवाद के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था। इसके अलावा, कर्मचारी यूनियनों से भी उनका टकराव रहा है, जिससे कई कर्मचारी भी उनसे नाराज बताए जाते हैं।