Varun Chakravarthy comeback story: भारतीय स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में शानदार प्रदर्शन कर सभी का दिल जीत लिया। उन्होंने टूर्नामेंट में 9 विकेट लेकर भारत को खिताबी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। लेकिन यह सफर उनके लिए आसान नहीं था।
चक्रवर्ती अब भी टी20 वर्ल्ड कप 2021 के उन कठिन दिनों को नहीं भूल पाए हैं, जब उन्हें खराब प्रदर्शन के कारण धमकियां झेलनी पड़ी थीं। उन्होंने बताया कि उस समय लोगों ने उन्हें भारत वापस न आने तक की चेतावनी दी थी।
कठिन दौर से गुजरे थे चक्रवर्ती
33 साल के वरुण चक्रवर्ती ने बताया कि टी20 वर्ल्ड कप 2021 उनके लिए बेहद कठिन था। उनके प्रदर्शन को लेकर काफी आलोचना हुई क्योंकि वह एक भी विकेट नहीं ले पाए थे।
उन्होंने कहा, “मुझे लगा कि मेरा चयन बहुत उम्मीदों के साथ हुआ था, लेकिन मैं उन पर खरा नहीं उतर सका। इसके बाद तीन साल तक मेरा चयन नहीं हुआ। यह दौर मेरे लिए मानसिक रूप से बहुत मुश्किल था।”
चक्रवर्ती ने कहा कि उन्होंने हार नहीं मानी और खुद को पूरी तरह बदलने का फैसला किया। पहले वह एक सत्र में 50 गेंदें डालते थे, लेकिन बाद में इसे दोगुना कर दिया। उन्होंने कड़ी मेहनत जारी रखी, यह जाने बिना कि चयनकर्ता उन्हें दोबारा मौका देंगे या नहीं।
धमकियों से लेकर धमाकेदार वापसी तक
वरुण चक्रवर्ती ने खुलासा किया कि टी20 वर्ल्ड कप 2021 के बाद उन्हें धमकी भरे फोन कॉल आए। कुछ लोगों ने तो उनका पीछा तक किया।
उन्होंने बताया, “जब मैं एयरपोर्ट से घर लौट रहा था, तो कुछ लोग बाइक से मेरा पीछा कर रहे थे। कुछ ने कहा कि मुझे भारत वापस नहीं आना चाहिए। वे मुझे रोकने तक की धमकी दे रहे थे।” हालांकि, उन्होंने इस कठिन दौर का सामना किया और अपनी मेहनत से राष्ट्रीय टीम में धमाकेदार वापसी की।
फैंस के गुस्से और प्यार को समझते हैं
वरुण चक्रवर्ती ने स्वीकार किया कि फैंस बेहद भावुक होते हैं। जब खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करता है तो वे सिर पर बिठा लेते हैं, लेकिन जब प्रदर्शन खराब हो तो आलोचना भी करते हैं। उन्होंने कहा, “मुझे समझ आता है कि जब हम अच्छा नहीं खेलते तो फैंस निराश होते हैं। लेकिन अब जब मैं चैंपियंस ट्रॉफी में अच्छा कर रहा हूं, तो वही लोग मेरी तारीफ कर रहे हैं।” चक्रवर्ती का कहना है कि वे अपनी सफलता को एक नए स्तर तक ले जाना चाहते हैं और आलोचनाओं को प्रेरणा की तरह लेते हैं।
संघर्ष से मिली सफलता
आज वरुण चक्रवर्ती सिर्फ एक मिस्ट्री स्पिनर नहीं, बल्कि संघर्ष और मेहनत की मिसाल हैं। उन्होंने मुश्किल दौर का सामना किया और अब एक बार फिर भारतीय क्रिकेट में अपनी जगह पक्की कर ली है।