Barabanki News : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से एक ऐसी विडंबनापूर्ण घटना सामने आई है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। यहां एक मजदूर, जो अपनी मेहनत की कमाई मांगने गया था, को कुछ दबंगों ने बंधक बना कर बेरहमी से पीटा। इसके साथ ही आरोप है कि उनसे अत्यधिक अपमानजनक व्यवहार भी किया गया। इस हमले से आहत होकर उस युवा मजदूर ने एक बाग में जाकर आत्महत्या करने का निर्णय लिया, जिसके दौरान उसने पेड़ पर बैठे वीडियो और ऑडियो रिकॉर्ड किए, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए।
इस घटना ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया, और रविवार को पुलिस ने मुख्य आरोपियों में से दो को गिरफ्तार कर लिया है। एएसपी अखिलेश नारायण सिंह ने मामले की जांच शुरू कर दी है। गोबरहा गांव के निवासी राकेश मिश्रा के मुताबिक, उनका बेटा योगेंद्र मिश्रा मजदूरी का कार्य करता था। 12 मार्च को, योगेंद्र ने सुलतानपुर जिले में किए गए कार्य के 3500 रुपये मांगने के लिए ठेकेदार राम कुमार उर्फ रामू द्विवेदी के पास गया। पैसे देने से मना करने पर, उसे पहले वहां पीटा गया। योगेंद्र किसी तरह वहां से भागकर घर आया, लेकिन उसके पीछा करते हुए दबंग लौट आए और उसे घर से बंधक बनाकर ले गए। योगेंद्र को बचाने जब उसके पिता राकेश आए, तो उन्हें भी उन लोगों ने मारा पीटा।
दरिंदगी से शर्मसार करने वाली घटना
उन परिजनों का आरोप है कि योगेंद्र को जब बंधक बनाया गया, तब उसे लाठी-डंडों से पीटा गया और उसके मुंह पर पेशाब भी किया गया। इतना ही नहीं, 14 मार्च को, होली के दिन, दबंगों ने एक बार फिर उसका अपमान करते हुए उसे पीटा। सूचना मिलने पर जब पुलिस पहुंची, तो उन्होंने मामले को हल्के में लेते हुए कहा कि वह थाने में आकर तहरीर दें।
15 मार्च की सुबह, राकेश ने बताया कि उनके बेटे का शव घर के पीछे एक पेड़ पर लटकता मिला। उनका कहना है कि दबंगों पर पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण बेटे ने यह खौफनाक कदम उठाया। इसके अलावा, मृतक ने आत्महत्या से पहले 15 सेकंड का एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया था, जिसमें वह आत्महत्या की योजना के बारे में बात कर रहा था।
पुलिस ने ने तुरंत शुरु की तहकिकात
पुलिस ने इस मामले में तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। एएसपी अखिलेश नारायण ने बताया है कि योगेंद्र को 12 मार्च को उसके मजदूरी का पैसा मांगने पर रामू द्विवेदी और उसके परिवार के सदस्यों ने मारा। इसके बाद एक और झगड़ा 14 मार्च को अस्पताल के पास हुआ। अब तक, पुलिस ने मुख्य आरोपियों रामू द्विवेदी और मनीष द्विवेदी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
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इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा किया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि हमारे समाज में कमजोर वर्गों के प्रति क्या अन्याय हो रहा है। योगेंद्र की मां के आरोपों की गंभीरता से जांच की जा रही है, और ऐसी घटनाओं के प्रति ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में दोबारा ऐसी अमानवीय घटनाएं न हों।