लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। एन्वेस्ट यूपी वसूलीकांड में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एंट्री हो गई है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बिचौलिए निकांत जैन पर दर्ज एफआईआर हासिल करने के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट को पत्र लिखा है। साथ ही भ्रष्टाचार की पड़ताल भी शुरू कर दी है। ईडी एफआईआर की कॉपी का अध्यन करने के बाद मनी लॉड्रिंग का मुकदमा दर्ज करवा सकती है। ऐसे में निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें बढ़ना तय हैं। सूत्र बताते हैं कि अभिषेक प्रकाश पर ईडी केस भी दर्ज करवा सकती है।
बिचौलिया गिरफ्तार
निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश पर एसएईएल सोलर पॉवर कंपनी का प्रोजेक्ट मंजूर करने के लिए घूस मांगने का आरोप है। इस मामले में सोलर कंपनी की ओर से राजधानी के गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराने के साथ गोमतीनगर के विराम खंड निवासी बिचौलिए निकांत जैन को हुसड़िया चौराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। दरअसल, कंपनी के प्रतिनिधि विश्वजीत दास ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से शिकायत की थी कि निकांत जैन ने प्रोजेक्ट को पास करवाने के नाम पर पांच फीसदी कमीशन मांगा। कमीशन नहीं देने पर जैन ने प्रोजेक्ट की फाइल को रूकवा दिया।
जांच के बाद आईएएस प्रकाश को किया गया सस्पेंड
मुख्य सचिव से शिकायत के बाद जब इस प्रकरण की गोपनीय जांच कराई गई तो आरोप सही पाए गए। जिसके बाद पूरे प्रकरण से सीएम योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया गया। सीएम योगी ने तत्काल इंवेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश को निलंबित करने और पूरे प्रकरण की जांच के लिए मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। जिसके बाद पुलिस ने बिचौलिए निकांत जैन को चिन्हित करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश पर आरोप है कि वह बिलौलिए के जरिए उगाही कर रहे थे।
तह तक जाएगी ईडी
अब एन्वेस्ट यूपी वसूली को लेकर ईडी ने जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार ईडी के अधिकारी यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि सोलर प्लान्ट के कलकुर्जे बनाने वाली एसएईएल कंपनी से बिचौलिए निकांत जैन ने काम दिलवाने के एवज में कोई पैसा लिया था कि नहीं। ये भी पता किया जाएगा कि किन अधिकारियों के इशारे पर कंपनी संचालकों से प्रोजेक्ट कह मंजूरी के लिए करोड़ों रूपए मांगे गए। इस मामले की तह तक जाने के लिए उस जांच रिपोर्ट को ईडी हासिल करेगी। जिसके आधार पर एन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश को निलंबित किया गया है।
सबसे ज्यादा उद्योग भी धरातल पर उतरे
ईडी की जांच का दायरा भी बड़ेगा। ईडी अब एन्वेंस्ट यूपी के निलंबित सीईओ अभिषेक प्रकाश के कार्यकाल में ऐसे सभी निवेश प्रस्तावों की जांच करेगी, जिन्हें निरस्त किया गया था। साथ ही मानकों पर पूरे उतरने वाले ऐसे निवेश प्रस्तावों की भी जांच होगी। जिन्हें विलंब से स्वीकृतियां दी गई। आईएएस अभिषेक प्रकाश को 2022 में एन्वेस्ट यूपी का सीईओ बनाया गया था। अभिषेक प्रकाश लगभग तीन वर्ष तक इस पद पर रहे। इसी अवधी में सबसे ज्यादा निवेश प्रस्ताव आए और सबसे ज्यादा उद्योग भी धरातल पर उतरे।
इनकी भी होगी जांच
सोलर कंपनी की तरफ से रिश्वत की शिकायत के बाद अब आईएएस अभिषेक प्रकाश के कार्यकाल में किए गए निवेश जांच के दायरे में आ गए हैं। इस संबंध में आद्यौगिक विकास विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि हाल में ही फर्रूखाबाद में 570 करोड़ का निवेश की जांच करवाई साथ। इसके अलावा उन्नाव में बहुराष्ट्रीय कंपनी द्धारा विशाल कैन निर्माण संयत्र की फाइल भी जांच के दायरे में है। 1300 करोड़ के निवेश के साथ यूपी में कंपनी ने पहली बार दस्तक दी है। इन मामलों में भी देखा जाएगा कि निवेशकों का किसी तरह से उत्पीड़न तो नहीं किया गया है।
संबंधित दस्तावेज भी तलब किए गए
इसके अतिरिक्त ये भी देखा जाएगा कि पूर्व में किन-किन निवेश प्रस्तावों को निरस्त किया गया। और किस आधार पर यह निर्णय हुआ। जांचा जाएगा की कहीं गलत तरीके से किसी कंपनी का प्रस्ताव कैंसिल तो नहीं किया गया। साथ ही जो प्रस्ताव मंजूर हुए उसमें किसी निवेशक को अनुचित लाभ तो नहीं दिया गया। इसके लिए एन्वेस्ट यूपी कि मूल्यांकन समिति कि बैठकों में और उनमें लिए निर्णयों से संबंधित दस्तावेज भी तलब किए गए हैं।