कानपुर ऑनलाइन डेस्क। औरैया के दिलीप हत्याकांड के दो शूटर फरार चल रहे थे। सटीक सुचना पर पुलिस ने उन्हें घेर लिया और सरेंडर करने को कहा। जिस पर सुपारी किलर्स ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों के पैर में गोली लग गई। जिससे वह घायल हो गए। पुलिस ने दोनों को अस्पताल में भर्ती करवाया। इलाज के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। पकड़े गए शूटर्स में एक का नाम श्यामू यादव है और इसी ने दिलीप के सिर पर गोली मारी थी। अंत में कह सकते हैं कि औरैया के प्रगति की ‘आशिकी’ पर पुलिस ने ग्रहण लगा दिया। और एक-एक कर सभी ‘विलेन’ को सलाखों के पीछे भेजने के साथ ही फांसी के फंदे तक पहुंचने के मिशन में पुलिस जुट गई है।
‘वो’ के चलते पति का करवाया मर्डर
औरया सदर तहसील में सियापुर गांव है। यहां प्रगति अपने माता-पिता के साथ रहती थी। परिवार के प्रगति के तीन बड़े भाई हैं। प्रगति का बड़ा भाई आलोक राजस्थान के भिलवाड़ा में एक कंपनी में नौकरी करता है। दूसरा बड़ा भाई आशुतोष मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक है। वह भी अपने परिवार के साथ वहां रहता है। तीसरा भाई संतोष है। प्रगति ने गांव से इंटर तक की पढ़ाई की। कोविड काल साल 2020 में प्रगति का पड़ोसी अनुराग से दोस्ती हो गई। दोनों मोबाइल से बात करते और धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई। अनुराग अक्सर प्रगति के घर आता और महंगे-महंगे गिफ्ट देता। प्यार परवान चढ़ा तो गांव में कानाफूसी का दौर भी शुरू हो गया। पर दोनों बेफ्रिक थे।
फिर प्रगति-अनुराग ने बनाया प्लान
प्रगति के तीसरे नंबर के भाई को दोनों के प्यार की भनक लगी तो उसने अनुराग को फटकार लगाई। पर अनुराग ने पैसे के बल पर उसका मुंह बंद कर दिया। फिर क्या था प्रगति हरहाल में अनुराग से शादी करने पर अड़ गई। अनुराग की माली हालत अच्छी नहीं थे। ऐसे में अनुराग और प्रगति ने एक प्लान बनाया। प्रगति ने अनुराग को बताया कि उसकी बड़ी बहन का देवर है, जिसका नाम दिलीप है। उसके पास बहुत पैसा है। अगर मैं उससे शादी कर लूं तो हम मालामाल हो जाएंगे। प्रगति ने अनुराग को अपने प्लान के बारे में बताया कि शादी के बाद हम दिलीप को मार देंगे। दिलीप की मौत के उसकी सारी धन दौलत मेरी हो जाएगी। फिर हम दोनों शादी कर लेंगे। प्रगति का ये प्लान अनुराग को भा गया। अनुराग ने प्रगति को दिलीप से शादी करने की रजामंदी दे दी।
दिलीप को प्यार के जाल में फंसाया
अपने प्लान के मुताबिक प्रगति बड़ी बहन के ससुराल जाती है। वहां वह दिलीप पर डोरे डालना शुरू कर देती है। दिलीप भी प्रगति पर फिदा हो जाता है। प्रगति और दिलीप की लव स्टोरी का आगाज हो जाता है। दिलीप प्रगति के सामने शादी का प्रस्ताव रखता है। प्रगति हां कह देती है। फिर क्या था दिलीप अपनी भाभी को प्यार के बारे में जानकारी देता है। दोनों के परिवारवाले शादी को राजी हो जाते हैं। विधि-विधान से दिलीप-प्रगति की शादी होती है। प्रगति विदा होकर अपने ससुराल मैनपुरी चली जाती है। कुछ दिन के बाद प्रगति मायके आती है और अनुराग से मिलकर दिलीप की हत्या की साजिश में जुट जाती है। दोनों होटल जाते हैं और शूटर रामजी से मिलते हैं। दिलीप की हत्या का सौदा दो लाख में होती है। रामजी दिलीप की सुपारी लेकर चला जाता है और अपने मिशन पर जुट जाता है।
फिर ऐसे दिलीप का करते हैं मर्डर
स्ुपारी किलर रामजी अपने दूसरे शूटर श्यामू उर्फ दुर्लभ यादव और शिवम से मिलता है। दोनों को दिलीप की हत्या करने के मिशन में शामिल करता है। अनुराग ने दिलीप को पहचनवाया था। तीनों शूटर्स एक बाइक की व्यवस्था करते हैं। इसके बाद बाइक पर तीनों लोग दिलीप के पास पहुंचे और खेत में पोल लगवाने का झांसा देकर उसे साथ ले जाते हैं। पलिया गांव स्थित पटना नहर पुल के पास गेहूं के खेत में पहुंचने पर उन्होंने दिलीप पर तमंचे के बट से हमला करते हैं। दिलीप भी शूटर्स पर पलटवार करता है। दिलीप तीनों पर भारी पड़ जाता है तो श्यामू तत्काल कट्टा निकाल लेता है। और फिर दिलीप के सिर के पिछले हिस्से पर गोली मार देता है। दिलीप के खेत में गिर जाता है और आरोपी उसे मरा समझ कर बाइक लेकर भाग जाते हैं। कुछ देर के बाद दिलीप की मौत हो जाती है। पहले परिवारवाले दिलीप की मौत हादसा मानकर चल रहे होते हैं।
दोनों शूटर्स के पैर में गोली लग जाती है
पुलिस शव का पोस्टमार्टम करवाती है। रिपोर्ट में खुलासा होता है कि दिलीप की हत्या गोली मारकर की गई है। पुलिस मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू करती है। पुलिस को जानकारी मिलती है कि प्रगति ने अपने प्रेमी के साथ दिलीप की हत्या करवाई है। ऐसे में पुलिस प्रगति, उसके प्रेमी अनुराग और एक शूटर रामजी को गिरफ्तार कर लेती है। पूछताछ में रामजी पूरे हत्याकांड की गुत्थी खोल देती है। पुलिस तीनों को जेल भेज देती है। जबकि दो शूटर फरार हो जाते हैं। पुलिस को दोनों शूटरों के बारे में जानकारी मिलती है। पुलिस उन्हें घेर लेती है और सरेंडर करने को कहती है। पर वह फायरिंग करने लगते हैं। जवाबी कार्रवाई में दोनों शूटर्स के पैर में गोली लग जाती है। पुलिस दोनों घायलों को सीएचसी सहार लेकर जाती है। जहां से दोनों को प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज चिचौली रेफर कर दिया गया।
दिलीप हत्याकांड मे अनुराग का मामा भी शामिल
पूछताछ में दोनों शूटरों ने अपने नाम चमरौआ निवासी दुर्लभ उर्फ पिंटू उर्फ श्यामू यादव व शिवम यादव बताया। दुर्लभ ने पुलिस को बताया कि मौसेरे भाई अनुराग व उसकी प्रेमिका प्रगति ने उसको दो लाख रुपये में दिलीप की हत्या करने का लालच दिया था। इसी में आकर उसने अपने चचेरे भाई शिवम और दोस्त रामजी नागर के साथ मिलकर हत्या की सुपारी ले ली। पुलिस अधीक्षक अभिजित आर शंकर ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दिलीप को 10 चोट मिलीं थीं। उसके सिर के पिछले हिस्से में गोली लगी थी। पिटाई से सिर की हड्डी भी टूट गई थी। पकड़े गए दोनों घायल शूटरों को उपचार के बाद जेल भेज दिया गया है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि दिलीप हत्याकांड मे अनुराग का मामा भी शामिल है। अनुराग का मामा ग्राम प्रधान है। उसी को सुपारी की रकम देनी थी। अनुराग के मामा ने दो शूटर्स को पैसे भी दे दिए थे।
पुलिस प्रधान की तलाश में खाक छान रही
जबकि रामजी को पैसा नहीं मिला था। रामजी को सिर्फ प्रगति ने पांच सौ रूपए दिए थे। हालांकि बाकी रुपये लेने के इंतजार में बैठे शूटर को पुलिस ने अनुराग के घर से दबोच लिया था। जबकि सुपारी के तहत बाकी रकम देने जा रहा चमरौआ प्रधान वहां पहुंचा ही नहीं। शायद उसे शूटर व प्रेमी के पकड़े जाने की भनक लग गई थी। पुलिस प्रधान की तलाश में खाक छान रही है। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। शूटर रामजी नागर की गिरफ्तारी के बाद दर्ज हुई रिपोर्ट में अन्य आरोपियों की संलिप्तता को लेकर कई अहम तथ्य सामने आए। स्वयं रामजी नागर ने पुलिस को एक-एक करके सभी तथ्य बताए हैं।