कनपुर ऑनलाइन डेस्क। मसूम चेहरा और खूबसूरत आंखों वाली औरैया की प्रगति इस कदर शातिर होगी, किसी को इसका अंदाजा नहीं था। शातिर लेडी न सिर्फ पड़ोसी से प्यार की पींगें बढ़ाई, बल्कि दीदी के देवर पर डोरे डालकर उसे भी अपने करीब ले आई। प्रगति का दिल आशिक के लिए धड़कता, लेकिन पैसों की लालच में शादी का फैसला उसने अपनी दीदी के देवर के साथ किया। प्रगति ने बड़ी चतुराई से दीदी के देवर के साथ सात फेरे लिए। कुछ दिन ससुराल में रूकी और मायके आने के बाद पति को मारकर उसकी दौलत हड़पने के प्लान में जुट गई। प्रगति ने शूटर्स के जरिए पति की हत्या भी करवा दी। लेकिन एक गलती उसे भारी पड़ गई और प्रगति अपने प्रेमी के साथ पकड़ी गई। पुलिस की जांच में सामने आया है कि प्रगति ने शूटर्स को पैसा देने लिए अपनी मां के जेवरात और पैसों की चोरी की थी। इन्हीं पैसों से उसने अपनी मांग को उजाड़ा।
पहले जानें औरैया की प्रगति के बारे में
औरैया सदर तहसील क्षेत्र के सियापुर गांव में प्रगति का जन्म हुआ था। गांव की कुल आबादी 80 लोगों की है। प्रगति का प्रेमी अनुराग भी इसी गांव का निवासी है। प्रगति के मकान के पीछे ही अनुराग का घर है। प्रगति के माता-पिता के अलावा तीन बड़े भाई हैं। तीन भाईयों में दो की शादी हो गई है। जबकि तीसरे नंबर का भाई अविवाहित है। प्रगति का बड़ा भाई आलोक राजस्थान के भिलवाड़ा में एक कंपनी में नौकरी करता है। दूसरा बड़ा भाई आशुतोष मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक है। वह भी अपने परिवार के साथ वहां रहता है। तीसरा भाई संतोष है। प्रगति ने गांव से इंटर तक की पढ़ाई की। कोविड काल साल 2020 में प्रगति का पड़ोसी अनुराग से प्रेम प्रसंग शुरू हुआ। चार साल के लंबे प्रेम संबंध में दौलत और शोहरत का रंग चढ़ा। प्रगति हरहाल में अनुराज से शादी करना चाहती है। अनुराग पेशे से कार चालक था। उसके पास प्रगति पर खर्च करने के लिए पैसों की कमी रहती।
प्रगति ने अनुराग से शूटर्स की व्यवस्था करने को कहा
प्रगति चाहती थी कि अनुराग के पास खूब पैसा हो। इसी दौरान प्रगति अपनी बड़ी बहन पारुल से मिलने उसके ससुराल मैनपुरी के भोगांव थाना के नगला-दीपा गांव जाती है। वहीं उसकी नजरें दीदी के देवर दिलीप से टकरा गईं। अनुराग से प्रेम प्रसंग के बावजूद उसने दिलीप पर डोरे डाले। दोनों की जिद के आगे दोनों के ही परिवारों ने भी रजामंदी दे दी। दिलीप धूमधाम से पांच मार्च को प्रगति संग सात फेरे लेकर उसे अगले दिन छह मार्च को अपनी दुल्हन बनाकर अपने घर ले गया। वहां वह सिर्फ पांच दिन ही रही और शादी के बाद पहली होली मायके में मनाने के लिए 10 मार्च को वापस आ गई। पहले से ही दिलीप से अलग होने का मन बना चुकी प्रगति ने यहां आकर प्रेमी अनुराग से 17 मार्च को एक होटल में मुलाकात की और पति दिलीप को रास्ते से हटाने का खाका तैयार किया। प्रगति ने अनुराग से शूटर्स की व्यवस्था करने को कहा।
दिलीप के मर्डर के काम पर जुट जाते हैं
अनुराग शूटर्स के खोजने के काम पर जुट गया। अनुराग को तीन शूटर मिल जाते हैं। तीनों शूटर प्रगति से मिलते हैं। एक होटल पर पैसे की डील तय होती है। प्रगति के पति की हत्या के तौर पर शूटर्स दो लाख रूपए मांगते हैं। प्रगति और अनुराग के पास शूटर्स को देने के लिए इतने पैसे नहीं थे। ऐसे में प्रगति तीनों शूटर्स से कहती है कि एडवांस के तौर पर एक लाख रूपए मैं दूंगी। काम होने के बाद बकाया राशि दी जाएगी। शूटर्स राजी हो जाते हैं। प्रगति अपने घर पर आती है। रात को वह अपनी मां की तिजोरी खोलती है। तिजोरी में रखे जेवरात और नकदी को पार कर देती है। इसके बाद जेवरात को बेचकर शूटर्स को एक लाख रूपए देती है। प्रगति ने शूटर्स से कहा था कि दिलीप की हत्या ऐसी करना, जैसा लगे कि उसकी जान हादसे में गई है। प्रगति के बात पर शूटर्स राजी हो जाते हैं। इसके बाद तीन शूटर्स, प्रगति और अनुराज दिलीप के मर्डर के काम पर जुट जाते हैं।
अनुराग ने हादसे को प्राथमिकता दी
पुलिस ने गिरफ्तार प्रगति, उसके प्रेमी अनुराग व शूटर रामजी नागर से अलग-अलग व एक साथ पूछताछ की। इसमें उनके अपराध करने के तरीके को भी भांपा गया। प्रगति व अनुराग के बीच शादी से पहले ही दिलीप की हत्या को लेकर पटकथा की तैयारी बनाई जाने लगी थी। दिलीप को रास्ते से किस तरह से हटाया जाए। इसके लिए उन तरीकों को भी दोनों ने जानने की कोशिश की, जिससे दोनों स्वयं को सुरक्षित करते हुए दिलीप को रास्ते से हटा दें। इसके लिए दिलीप की हत्या को पहली प्राथमिकता में हादसा तो दूसरी में आत्महत्या का रंग चढ़ाने की रणनीति बनाई थी। आत्महत्या के लिए जहर देकर मारने की भी तैयारी थी, लेकिन इस तरीके में उन्हें पोल खुलने की संभावना नजर आ रही थी। शादी के बाद शूटरों के संपर्क में आने के बाद अनुराग ने हादसे को प्राथमिकता दी थी। इसके लिए सड़क किनारे किसी सुनसान जगह पर उसके सिर पर गहरी चोटें देने की तैयारी बनाई थी। तीन शूटरों ने इसकी जिम्मेदारी ले ली।
सिर के पिछले हिस्से में गोली मार दी
क्राइम सीन के तहत अनुराग ने शूटरों को बेला में दिलीप की पहचान कराई। इसके बाद शूटरों ने बेला से कुछ आगे दिलीप को यह कहकर बुलाया कि नहर पर बिजली के खंभे रखे जाने हैं। हाइड्रा से कितनी लागत आएगी। इस पर एक शूटर उसे जगह दिखाने के लिए पलिया के पास नहर किनारे ले गया। रास्ते में बारी-बारी दो अन्य शूटरों को भी साथी बताकर बाइक पर बैठा लिया। नहर किनारे सुनसान जगह पर ले जाकर तीनों शूटरों ने दिलीप को बेरहमी से सिर के पिछले हिस्से पर मारना शुरू कर दिया। तमंचे की बट मारते हुए लहूलुहान कर दिया, लेकिन दिलीप का साहस डगमगाता न देख शूटरों का साहस जवाब दे गया। इस पर होश गंवाते हुए एक शूटर ने दिलीप के सिर के पिछले हिस्से में गोली मार दी थी।
मंसूबों पर पानी फेर दिया
19 मार्च को जब सड़क किनारे दिलीप बेसुध अवस्था में खून से लथपथ मिला तो पुलिस से लेकर ग्रामीण हादसे का ही अंदेशा जता रहे थे। बड़े ही शातिर ढंग से अंजाम दी गई इस वारदात में गोली मारने की गलती ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। मौत के बाद हुए पोस्टमार्टम में 10 घाव व सीटी स्कैन में गोली लगने की बात उभरकर सामने आ गई। हत्या पर हादसे का रंग चढ़ाने का प्रयास यहां नाकाफी रहा। प्रेमी-प्रेमिका से लेकर शूटरों का शातिर दिमाग यहां पर फेल हो गया। फिलहाल इस हत्याकांड के दो शूटर्स अभी भी फरार चल रहे हैं। पुलिस दोनों की तलाश में जुटी है। जबकि प्रगति और अनुराग को जेल भेज दिया गया है। पुलिस हत्याकांड की जांच कर रही है। दोनों आरोपियों को सजा दिलाए जाने को लेकर पुलिस साक्ष्य एकत्र कर रही है।