SPG Commando: भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी एक खास बल, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के पास होती है। ये ग्रुप बेहद खास और प्रशिक्षित कमांडोज़ से बना होता है, जिनका चुनाव कई सख्त प्रक्रियाओं के बाद होता है।
SPG अधिकारियों की सैलरी कितनी होती है
SPG में काम करने वाले अधिकारियों की सैलरी उनके पद, अनुभव और सर्विस टाइम के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। आमतौर पर, SPG सुरक्षा अधिकारियों का सालाना वेतन करीब 8 लाख से 12 लाख रुपये तक होता है। अगर उनके पास 10 साल से ज्यादा का अनुभव है, तो ये सैलरी और भी ज्यादा हो सकती है।
SPG के वरिष्ठ अधिकारियों जैसे सुरक्षा प्रभारी या निदेशक का वेतन सरकार की तरफ से सार्वजनिक नहीं किया जाता, क्योंकि ये जानकारियां गोपनीय रखी जाती हैं।
SPG कमांडो की सैलरी कितनी होती है
SPG कमांडोज़ की सैलरी उनकी रैंक और अनुभव पर निर्भर करती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक SPG कमांडो को 84,236 रुपये से लेकर 2,39,457 रुपये मासिक वेतन के रूप में मिलते हैं।
इसके अलावा, उन्हें कई सरकारी भत्ते भी दिए जाते हैं, जैसे कि:
जोखिम भत्ता
विशेष भत्ता
ड्रेस अलाउंस
ऑपरेशनल ड्यूटी वाले कमांडो को ₹27,800 प्रति वर्ष
नॉन ऑपरेशनल ड्यूटी वाले कमांडो को: ₹21,225 प्रति वर्ष
यदि कोई SPG कमांडो 11 से 20 सालों तक सेवा देता है, तो उसकी सालाना सैलरी 8 से 18 लाख रुपये तक पहुंच सकती है।
SPG कमांडो बनना कितना मुश्किल है
SPG में शामिल होना कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए न सिर्फ कड़ी फिजिकल और मेंटल ट्रेनिंग की जरूरत होती है, बल्कि कई मेडिकल और साइकोलॉजिकल टेस्ट भी पास करने होते हैं। यह जिम्मेदारी सिर्फ उन्हीं लोगों को दी जाती है जो हर कसौटी पर खरे उतरते हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों की सैलरी क्यों नहीं होती सार्वजनिक?
SPG में कुछ पद ऐसे होते हैं जिन पर तैनात अधिकारी पूरे यूनिट की रणनीति और संचालन को देखते हैं। इन पदों का वेतन सार्वजनिक नहीं किया जाता क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में आते हैं। लेकिन ये तय है कि इन अधिकारियों की सैलरी SPG कमांडो से कहीं ज्यादा होती है।
SPG कमांडोज़ न सिर्फ प्रधानमंत्री की सुरक्षा करते हैं, बल्कि अपने देश की सुरक्षा में एक अहम भूमिका निभाते हैं। उनकी सैलरी और सुविधाएं उनके समर्पण और जोखिम भरे काम को ध्यान में रखकर दी जाती हैं। यह नौकरी सम्मान और जिम्मेदारी दोनों से भरी होती है।