नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। वह भारत का जांबाज आईपीएस अफसर है जिसके नाम से पाकिस्तान आर्मी, आतंकवादी और आईएसआई के एजेंटों की पतलून गीली हो जोती है। जब भी किसी ऑपरेशन की कमान भारत का ये आईपीएस सिंघम संभालता है तो उसे सौ फीसदी पूरा करके ही दम लेता है। वह ऐसा आईपीएस अफसर है जो पाकिस्तान के अंदर कई बरस रहकर बड़े ऑपरेशनों को अंजाम दिया। पाक की आतंक फैक्ट्री को बम-बंदूक के बजाए दिमाग के जरिए बर्बाद कर दिया। जब ‘हाफिज सईद एंड आतंक कंपनी’ ने मुम्बई में आतंकी हमले को अंजाम दिया था तब भारत के ‘सुपरकॉप’ आईपीएस ने शपथ ली कि खून के एक-एक कतरे का सूत समेत हिसाब लिया जाएगा। … हां और वह दिन भी आ गया। मुम्बई हमले में शामिल अधिकतर आतंकी 72 हूरों के पास भेज दिए गए। अब मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) की बारी थी जिसे अमेरिका से भारत लाया जा रहा है।
वह नाम है अजीत डोभाल का
जब भी देश की सुरक्षा का सवाल उठता है, तो सबसे पहले जिस नाम पर भरोसा किया जाता है, वह है अजीत डोभाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी और भरोसेमंद सहयोगियों में शुमार अजीत डोभाल को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का मुख्य वास्तुकार माना जाता है। नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर के तौर पर उनकी भूमिका न केवल रणनीतिक दृष्टि से अहम है, बल्कि वह अक्सर अपने फैसलों और कार्यशैली को लेकर चर्चा में भी रहते हैं।
सोशल मीडिया में लोग एनएसए को पीएम नरेंद्र मोदी के ‘हनुमान’ के नाम से भी पुकारते हैं। एनएसए अजीत डोभाल भी पीएम नरेंद्र मोदी के दिए हर टॉस्क को बड़ी बहादुरी के साथ पूरा करते हैं। जब बात आई मुम्बई आतंकी (Tahawwur Rana) हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा की तो उसे भारत की धरती पर लाने के मिशन में जुट गए और आखिरकार सैकड़ों लोगों की हत्या का साजिशकर्ता बृस्पितिवार को दिल्ली में होगा।
भारत लाया जा रहा तहव्वुर राणा
कहानी मुम्बई आतंकी हमले से शुरू होती है। जब पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने देश की आथि्र्ाक राजधानी में आतंकी हमला कर 166 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी। सुरक्षाबलों ने हाफिज सईद और आईएसआई की कोख से जन्म सभी आतंकियों को दो गज जमीन के नीचे भेज दिया। कसाब को भी फांसी पर लटका दिया गया। अब नंबर था मुम्बई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा का। अमेरिका की जेल की बैरक में आराम फरमा रहा तहव्वुर राणा भारत लाया जा रहा है।
किसी भी वक्त आतंकवादी (Tahawwur Rana) का प्लेन दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड कर सकता है। आतंकी तहव्वुर राणा को पहले तिहाड़ जेल में रखा जाएगा। जिसकी सुरक्षा तगड़ी कर दी गई है। यहां हाफिज के चेले का सामना एनएसए के अलावा एनआईए के अफसरों के साथ होगा। भारत के एनएसए अजीत डोभाल को ही ऑपरेशन तहव्वुर राणा की कमान सौंपी गई थी। उन्होंने पर्दे के पीछे रहते हुए ऑपरेशन को अंजाम दिया।
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एनएसए के हाथों में थी तहव्वुर राणा के ऑपरेशन की कमान
आपको बता दें कि तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने के इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी खुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कर रहे हैं। तहव्वुर को भारत लाए जाने से पहले दिल्ली में एनआईण् दफ्तर के बाहर सुरक्षा सख्त कर दी गई है। वहीं ये भी खबर है कि दिल्ली और मुंबई की एक जेल को तैयार किया जा रहा है। हालांकि, सूत्र बताते हैं कि पहले तहव्वुर राणा की कस्टडी एनआईए को मिलेगी और फिर मुंबई पुलिस को उससे पूछताछ का मौका दिया जाएगा।
इस पूछताछ में 26 नवंबर 2008 को हुए 10 पाकिस्तानी आतंकियों (Tahawwur Rana) के हमले से जुड़े कई राज सामने आएंगे और पाकिस्तान का आतंकी नेटवर्क पूरी दुनिया के सामने एक बार फिर से खुलकर सामने आ जाएगा। सूत्र बताते हैं कि एनएएस ने आतंकी से पूछताछ के लिए एक टीम का भी गठन किया। जिसमें आधा दर्जन आईपीएस अफसर शामिल हैं।
तिहाड़ की स्पेशल सेल पर रखा जाएगा
बता दें, अमेरिका की ओर से प्रत्यर्पण संधि के तहत सौंपे जाने के बाद भारतीय एजेंसियों की एक टीम तहव्वुर राणा को विशेष विमान से भारत के लिए उड़ान भर चुकी है। आज देर रात तक मुंबई हमले का गुनहगार और पाकिस्तानी सेना का पूर्व कैप्टन तहव्वुर राणा इंसाफ की चौखट पर पेश किए जाने के लिए भारत पहुंच चुका होगा। खास सूत्रों ने बताया है कि भारत लाए जाने के बाद तहव्वुर राणा को सबसे पहले एनआईए कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहां से उसकी कस्टडी मिलने के बाद खुफिया एजेंसियां उससे पूछताछ करेंगी। सूत्र बताते हैं कि तहव्वुर राणा को तिहाड़ जेल की स्पेशल बैरक में रखा जाएगा। यहां पर सीसीटीवी कैमरों से उनकी निगरानी की जाएगी। सुरक्षा में हथियारबंद जवान 24 घंटे मुस्तैद रहेंगे।
दिल्ली के गलियारों में हलचल तेज
तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण से पहले दिल्ली के सत्ता गलियारों में भी हलचल तेज है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारअजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। यह अहम बैठक नॉर्थ ब्लॉक स्थित गृह मंत्रालय कार्यालय में हुई। सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक करीब 22 मिनट तक चली, जिसमें तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण और उससे जुड़े रणनीतिक पहलुओं पर चर्चा हुई। सूत्र बताते हैं कि पहले एनआईए के अफसर तहव्वुर राणा से पूछताछ करेंगे। इसके बाद मुम्बई पुलिस भी आतंकी से सवाल जवाब करेगी। तहव्वुर राणा पर एनआईए ने दिल्ली में दो केस दर्ज करवाए हुए हैं। एनआईए की पड़ताल के बाद तहव्वुर राणा को मुम्बई ले जाया जाएगा। जिस अंडा सेल में कसाब को रखा गया था, उसी में तहव्वुर राणा बची जिंदगी गुजारेगा।
अब जानें अजीत डोभाल के बारे में
अजीत डोभाल को लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नियुक्त किया गया है। अजीत डोभाल को पहली बार 20 मई 2014 को देश का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया था। तब से डोभाल ही इस पद को संभाल रहे हैं। 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी अजीत डोभाल को कूटनीतिक सोच और काउंटर टेरेरिज्म का विशेषज्ञ माना जाता है। अजीत डोभाल 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। माना जाता है कि उरी में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक में अजीत डोभाल की अहम भूमिका रही थी। इसके बाद पुलवामा में आतंकी हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक में भी डोभाल ने बड़ी भूमिका निभाई।