DK Goyal FIITJEE : यह कार्रवाई ऐसे समय पर की गई है जब नामचीन कोचिंग संस्थान FIITJEE के सैकड़ों शिक्षण केंद्र अचानक बंद हो चुके हैं, जिससे 12,000 से अधिक विद्यार्थियों का भविष्य संकट में पड़ गया है। हैरानी की बात यह है कि केंद्रों के बंद होने के बावजूद संस्थान के प्रबंधकों को लगभग 12 करोड़ रुपये का आर्थिक लाभ हुआ है। इससे पहले, फरवरी माह में नोएडा पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए FIITJEE से जुड़े कई बैंक खातों को सीज कर दिया था। इनमें डीके गोयल के नाम से जुड़े खातों से 11 करोड़ 11 लाख रुपये जब्त किए गए थे।
नोएडा पुलिस ने कोचिंग संस्थान के बंद होने पर सख्त रुख अपनाया था। थाना सेक्टर-58 में डीके गोयल समेत अन्य संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इन पर आपराधिक साजिश और विश्वासघात जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। FIITJEE, जो कि इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए जाना जाता है, पिछले कुछ समय से वित्तीय संकट में चल रहा था।
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कर्मचारियों को समय पर वेतन न दिए जाने और संचालन में आ रही अनियमितताओं के चलते इसकी साख और अस्तित्व पर सवाल उठने लगे थे। कई केंद्र बिना पूर्व सूचना के बंद कर दिए गए, जिससे छात्रों और अभिभावकों में गहरी चिंता फैल गई है।
DK Goel ने दस हजार से रखी थी FIITJEE की नींव
फिटजी के संस्थापक डीके गोयल की कहानी भी कम रोचक नहीं है। आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद उन्होंने एक ऐसे कोचिंग संस्थान की नींव रखने का विचार किया, जो छात्रों को IIT-JEE जैसी कठिन प्रतियोगी परीक्षा के लिए सही मार्गदर्शन दे सके। वर्ष 1992 में उन्होंने महज 10 हजार रुपये की पूंजी से दिल्ली में एक छोटे से कोचिंग सेंटर की शुरुआत की।
धीरे-धीरे इस सेंटर से पढ़ाई करने वाले छात्रों का आईआईटी में चयन होने लगा और कई विद्यार्थियों ने टॉप रैंक भी हासिल की, जिससे इस संस्थान की लोकप्रियता तेजी से बढ़ने लगी। समय के साथ फिटजी ने सिर्फ इंजीनियरिंग नहीं, बल्कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा यानी नीट की तैयारी भी करानी शुरू कर दी और देशभर में एक जाना-माना नाम बन गया।