Seema Haider : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में मंगलवार को आतंकियों ने बड़ी कायरता दिखाई। सेना की वर्दी में आए आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, जिसमें 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। अधिकतर मृतक हिंदू पर्यटक थे, जिनकी पहचान पूछने के बाद उन्हें निशाना बनाया गया। इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गहरा आक्रोश है और आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है।
फिर चर्चा में आई सीमा हैदर
इसी माहौल के बीच सीमा हैदर एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं। पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने सार्क वीजा छूट नीति के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को दी गई सुविधा समाप्त कर दी है। इसके चलते अब भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है। इस फैसले के बाद सीमा हैदर को भी पाकिस्तान भेजने की मांग तेज हो गई है।
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सीमा हैदर ने सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भावुक अपील करते हुए कहा, “मैं अब भारत की बहू हूं, पाकिस्तान वापस नहीं जाना चाहती। मुझे यहीं रहने दीजिए।” सीमा ने यह भी दावा किया कि उन्होंने सचिन मीणा से विवाह कर हिंदू धर्म अपना लिया है।
ऐसे हुई थी सीमा-सचिन की शादी
सीमा हैदर की कहानी पहले भी चर्चा का विषय रही है। पब्जी गेम के जरिए उनकी ग्रेटर नोएडा निवासी सचिन मीणा से जान-पहचान हुई, जो धीरे-धीरे प्रेम में बदल गई। इसके बाद सीमा चार बच्चों के साथ नेपाल के रास्ते भारत आ गईं और सचिन के साथ शादी कर ली। अब दोनों नोएडा में रह रहे हैं और हाल ही में उनके घर एक बेटी ने जन्म लिया है।
वकील ने किया ये दावा
सीमा हैदर के वकील एपी सिंह ने कहा कि सीमा अब पाकिस्तानी नागरिक नहीं रहीं। उन्होंने ग्रेटर नोएडा के सचिन मीणा से शादी की है और उनकी बेटी भारती मीणा का जन्म भी हो चुका है। वकील के अनुसार, शादी और धर्म परिवर्तन के बाद सीमा की नागरिकता भारतीय पति से जुड़ गई है, इसलिए सार्क वीजा नीति का संशोधित आदेश उन पर लागू नहीं होना चाहिए। वकील ने यह भी बताया कि सीमा के सभी दस्तावेज एटीएस, गृह मंत्रालय और भारत सरकार के पास जमा हैं।
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राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका लंबित है, और सीमा अदालत के सभी आदेशों का पूरी तरह पालन कर रही हैं।सीमा हैदर ने भी पहलगाम हमले पर दुख व्यक्त किया है। वकील एपी सिंह ने बताया कि सीमा हमले की खबर सुनकर बेहद व्यथित हैं और आतंकवाद की कड़ी निंदा करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पाकिस्तान छोड़कर सनातन धर्म अपनाते हुए नेपाल होते हुए भारत आईं और भारतीय संस्कृति में रच-बस गई हैं।
पीड़ित परिवारों को मिले राहत पैकेज
पहलगाम की बायसरन घाटी, जो अपनी हरियाली के लिए मशहूर थी, मंगलवार को खून से लाल हो गई। आतंकियों ने धर्म पूछने के बाद हिंदू यात्रियों को निशाना बनाया। इस भयावह हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक भी शामिल हैं। इस दर्दनाक घटना ने पुलवामा हमले की यादें ताजा कर दीं। जम्मू-कश्मीर सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है। गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख और मामूली रूप से घायल लोगों को 1 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।