LDA News: लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की बसंत कुंज योजना में 272 प्लॉटों के आवंटन को निरस्त किए जाने का मामला अब तूल पकड़ चुका है। इस कदम से नाराज आवंटी आर-पार की लड़ाई पर उतर आए हैं। एलडीए ने किसानों के विरोध और विकास कार्य में रुकावट के कारण यह फैसला लिया था, लेकिन अब इस पर पुनर्विचार करते हुए एक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी को 10 मई तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है, जिसमें प्लॉट आवंटन की दिशा तय की जाएगी। इस बीच, एलडीए की लापरवाही और प्रशासन की उदासीनता से प्रभावित आवंटियों ने अब सरकार से न्याय की मांग की है।
LDA द्वारा लखनऊ के हरदोई रोड स्थित बसंत कुंज योजना में 272 प्लॉटों के आवंटन को निरस्त करने के फैसले पर विवाद छिड़ गया है। आवंटियों का आरोप है कि एलडीए ने प्राइवेट बिल्डर की तरह काम किया और उनका भरोसा तोड़ा। इस योजना का आवंटन वर्ष 2022 में हुआ था, और आवंटियों ने लगभग 70 करोड़ रुपये एलडीए में जमा किए थे। हालांकि, योजना में किसानों के विरोध के कारण विकास कार्य में रुकावट आ गई, जिसके चलते एलडीए को यह कड़ा कदम उठाना पड़ा।
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एलडीए के अपर सचिव, सीपी त्रिपाठी ने कहा कि यह निर्णय विकास कार्य में बाधाओं के कारण लिया गया था। इसके बाद एक कमेटी का गठन किया गया है, जो 10 मई तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कमेटी में मुख्य नगर नियोजक, योजना के अधिशासी अभियंता, सहायक लेखाकार और तहसीलदार शामिल हैं। यह रिपोर्ट यह तय करेगी कि आवंटियों को कैसे समाधान प्रदान किया जाए और जमीन का आवंटन किस तरह किया जाए। इसके अलावा, जमा की गई राशि पर ब्याज सहित धनवापसी का प्रावधान भी किया गया है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण LDA ने इस योजना के लिए भूमि का मुआवजा पहले ही जिला प्रशासन को जमा कर दिया था, लेकिन किसानों के विरोध ने विकास कार्य में रुकावट डाली। एक आवंटी ने आरोप लगाया कि एलडीए के अधिकारी आवंटियों से संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं और उन्हें किसान आंदोलन के खिलाफ कोर्ट जाने की सलाह दे रहे हैं। आवंटियों का कहना है कि एलडीए के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के अलावा अब उनके पास कोई विकल्प नहीं है।
एलडीए के इस फैसले से प्रभावित आवंटी अब एकजुट होकर अपने हक के लिए संघर्ष करने का मन बना चुके हैं।