Operation Sindoor: भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने बुधवार देर रात भारत के 15 शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिश की। भारतीय सशस्त्र बलों ने अपनी अत्याधुनिक S-400 मिसाइल प्रणाली और एकीकृत काउंटर-यूएएस ग्रिड के जरिए इन सभी हमलों को विफल कर दिया। गुरुवार शाम को विदेश मंत्रालय और भारतीय सेना की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस घटना पर विस्तृत जानकारी दी गई।
पाकिस्तान के हमले को किया नाकाम- कर्नल सोफिया
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, “आज सुबह भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के कई स्थानों पर वायु रक्षा रडार और सिस्टम को निशाना बनाया। हमारी कार्रवाई उसी क्षेत्र में उतनी ही तीव्रता के साथ थी जितनी पाकिस्तान की थी लेकिन हमने सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया।” उन्होंने बताया कि भारत ने पहले ही पाकिस्तान को चेतावनी दी थी और उसके सभी हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया। कर्नल कुरैशी ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत नष्ट किए गए आतंकी ठिकानों के वीडियो और सैटेलाइट इमेज भी साझा किए जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के शिविर शामिल थे।
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पाकिस्तानी गोलीबारी में 16 निर्दोषों की मौत- विंग कमांडर
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि पाकिस्तान (Operation Sindoor) ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामूला, उरी, पुंछ, मेंढर और राजौरी सेक्टरों में नियंत्रण रेखा (LOC) पर मोर्टार और भारी तोपों से गोलीबारी तेज कर दी है। इस अकारण हमले में तीन महिलाओं और पांच बच्चों सहित 16 निर्दोष लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा, “भारतीय सेना इस आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब दे रही है लेकिन हम तनाव बढ़ाने से बचना चाहते हैं।”
पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगाह- विदेश सचिव
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारत ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत लाहौर के वायु रक्षा तंत्र को नष्ट कर दिया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी जिसमें 26 लोग मारे गए थे।” उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा, “पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) की भूमिका को नकारने की कोशिश की जबकि टीआरएफ ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी दो बार स्वीकारी।”
मिसरी ने आगे कहा, “पाकिस्तान का इतिहास किसी से छिपा नहीं है। ओसामा बिन लादेन को वहां शरण मिली थी और उसे शहीद का दर्जा दिया गया। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों का ठिकाना रहा है। हाल ही में उनके रक्षा मंत्री और पूर्व विदेश मंत्री ने आतंकी संगठनों से अपनी संलिप्तता स्वीकारी है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर में केवल आतंकी ठिकाने निशाना बनाए गए और मारे गए लोग आतंकवादी थे। “पाकिस्तान में आतंकियों को राजकीय सम्मान के साथ दफनाने की प्रथा हो सकती है लेकिन भारत का उद्देश्य आतंकवाद को खत्म करना है।”