India Pakistan Ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बाद दोनों देशों ने आपसी सहमति से सीजफायर यानी युद्धविराम का एलान किया है। सीजफायर का मतलब होता है सीमा पर दोनों सेनाएं किसी भी तरह की फायरिंग या हमला नहीं करेंगी। इसका मकसद है कि हिंसा रोकी जाए और शांति बनाए रखी जाए। यह कोई औपचारिक समझौता नहीं होता, बल्कि दोनों देशों के बीच आपसी सहमति पर आधारित होता है।
सीजफायर कैसे काम करता है?
इसके लागू होने के बाद फौज को आदेश दिया जाता है कि वे गोलीबारी बंद करें। इसमें डीजीएमओ (महानिदेशक सैन्य संचालन) की अहम भूमिका होती है। दोनों देश तनाव कम करने के लिए कुछ शर्तों पर भी सहमति जताते हैं। अगर जरूरत पड़े, तो निगरानी के लिए विशेष टीम भी बनाई जाती है, जो देखती है कि दोनों तरफ से नियमों का पालन हो रहा है या नहीं।
सीजफायर और युद्धविराम में फर्क
सीजफायर और युद्धविराम को अक्सर एक जैसा समझा जाता है, लेकिन दोनों अलग हैं। युद्धविराम तब होता है जब दो देश आधिकारिक रूप से युद्ध कर रहे होते हैं और फिर किसी समझौते से लड़ाई रोकते हैं। लेकिन सीजफायर का मतलब है कि सीमा पर चल रही झड़पों को रोका जाए – भले ही युद्ध की घोषणा न की गई हो।
भारत-पाकिस्तान में सीजफायर का इतिहास
भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे पहला सीजफायर 1 जनवरी 1949 को हुआ था, जब जम्मू-कश्मीर को लेकर दोनों देश आमने-सामने थे। इसके बाद 1965 के युद्ध में भी रूस और अमेरिका की पहल पर सीजफायर हुआ। 1971 और 1999 के युद्धों में भारत की जीत हुई, लेकिन संघर्ष के बाद फिर से सीजफायर लागू किया गया।
2025 में सीजफायर क्यों जरूरी पड़ा?
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जिसमें कई जवान शहीद हुए। इसके बाद भारतीय सेना ने 7 मई को एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के ठिकानों को खत्म कर दिया। जवाब में पाकिस्तान ने सीमावर्ती इलाकों में गोलीबारी और ड्रोन हमले किए। भारत ने फिर जवाबी कार्रवाई करते हुए 10 मई को पाकिस्तान के चार एयरबेस को नष्ट किया। इसके बाद दोनों देशों ने एक बार फिर सीजफायर पर सहमति जताई।
पाकिस्तान ने कई बार तोड़ा सीजफायर
इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान ने कई बार सीजफायर का उल्लंघन किया है। 2018 में 2,140 बार, 2019 में 3,479 बार और 2020 में 5,133 बार सीजफायर तोड़ा गया। हालांकि 2022 से 2024 के बीच इसमें बड़ी गिरावट आई और सिर्फ तीन बार ही उल्लंघन हुआ।