संसदीय कार्य मंत्रालय ने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत का पक्ष वैश्विक मंचों पर रखने के लिए सात संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के नेताओं की घोषणा कर दी है। कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) को अमेरिका में भारत का पक्ष रखने और पाकिस्तान के आतंकी ढांचों को बेनकाब करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। अन्य नेताओं में विजयंत जय पांडा (पूर्वी यूरोप), कनिमोझी (रूस), संजय झा (दक्षिण-पूर्व एशिया), रविशंकर प्रसाद (मध्य पूर्व), सुप्रिया सुले (पश्चिम एशिया) और श्रीकांत शिंदे (अफ्रीकी देश) शामिल हैं।
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया जिसके तहत पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इस कार्रवाई को जनता और विपक्षी दलों का पूर्ण समर्थन मिला जो भारत की एकजुटता को दर्शाता है। अब यह एकता वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित होगी। संसदीय कार्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने मिलकर 8 देशों में 43-45 सांसदों के 8 प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना बनाई है।
प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में 5-6 सांसद होंगे जिसमें सभी प्रमुख दलों के नेता शामिल हैं जैसे शशि थरूर (Shashi Tharoor) , रविशंकर प्रसाद, सुप्रिया सुले, संजय झा और असदुद्दीन ओवैसी। इनका उद्देश्य विदेशी सरकारों, थिंक टैंकों और मीडिया को यह बताना है कि पाकिस्तान के आतंकी ढांचों ने भारत की संप्रभुता पर हमला किया जिसके जवाब में भारत ने संयम और दृढ़ता के साथ कार्रवाई की। यह स्पष्ट किया जाएगा कि भारत ने किसी देश की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं किया बल्कि अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाया।
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22-23 मई से शुरू होने वाले इन दौरों का समन्वय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, ब्रिटेन, UAE, जापान और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों का दौरा करेंगे। यह पहली बार है जब भारत ने बहुदलीय सांसदों को कश्मीर और सीमा पार आतंकवाद पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए वैश्विक मंचों पर भेजा है। यह कदम भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति और वैश्विक समर्थन जुटाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।