नई दिल्ली खेल ऑनलाइन डेस्क। गोल मटोल लड़का ‘चीकू’ अपने जुनून के चलते भारतीय क्रिकेट का किंग बन गया। पश्चिमी दिल्ली के लड़के का ‘स्वैग’ लेकर विराट कोहली ऐसे समय टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में दाखिल हुए जब सचिन तेंदुलकर का जादू सिर चड़कर बोलता था। सीनियरों में चीकू के नाम से मशहूर कोहली को क्रिकेट से बेइंतहार मोहब्बत थी और टेस्ट क्रिकेट को उनसे। इसी लव स्टोरी का नतीजा है कि वह मौजूद दौर के महानायक बनकर उभरे। लेकिन अब ‘द चेस मशीन’ 22 गज की पिच पर नहीं दिखेगा। ‘किंग कोहली’ का जलवा टेस्ट क्रिकेट में नहीं देखने को मिलेगा। सफेद जर्सी में ‘कोहली’ अब विराट पारी नहीं खेलते दिखेंगे। हां अब टीम इंडिया के चीकू (विराट कोहली) ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है।
टीम इंडिया के विस्फोटक बल्लेबाज विराट कोहली ने 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से सन्यास का ऐलान कर दिया। जिसके बाद किंग कोहली के प्रशंसकों की आंख में आंसू आ गए। पूर्व क्रिकेटर्स और आईएएस-आईपीएस के साथ ही कारोबारी-बॉलीवुड की हस्तियों ने विराट कोहली के सन्यास की खबर से स्तंब दिखे और सभी ने उन्हें शुभकामनाएं दी। इनसब के बीच एक आईएएस अधिकारी ने सोशल मीडिया पर पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली की कक्षा 10 की मार्कशीट शेयर की है। उन्होंने कैप्शन में जो लिखा वह उन पैरेंट्स के लिए एक सीख हो सकती है, जो अपने बच्चे की सफलता का पैमाना सिर्फ बोर्ड परीक्षा में आने वाले अंकों को ही मानते हैं। विराट कोहली की ये मार्कशीट सोशल मीडिया पर गदर काटे हुए है। लोग मार्कशीट को शेयर करने के साथ ही कमेंट भी लिख रहे हैं।
दरअसल, आईएएस जितिन यादव ने विराट कोहली का स्कोरकार्ड शेयर किया और इस बात पर जोर दिया कि केवल अंक ही सफलता को परिभाषित नहीं करते, बल्कि ‘जुनून और समर्पण’ भी सफलता को परिभाषित करते हैं। आईएएस अफसार की ओर से शेयर की मार्कशीट के अनुसार, विराट कोहली ने वर्ष 2004 में दिल्ली के ए-2 पश्चिम विहार स्थित सेवियर कॉन्वेंट सेकेंडरी स्कूल से कक्षा 10वीं (सीबीएसई बोर्ड) की परीक्षा पास की थी। उन्हें अंग्रेजी में सबसे अधिक अंक और गणित में सबसे कम अंक मिले। उन्हें अंग्रेजी में 83, सोशल साइंस में 81, हिंदी में 75, Introductory IT में 74, विज्ञान और तकनीक में 55 और गणित में 51 अंक मिले। उन्हें Introductory IT में थ्योरी में सिर्फ 16 अंक मिले, लेकिन उन्हें प्रैक्टिकल में अच्छे खासे नंबर मिले।
कुल मिलाकर विराट कोहली ने कक्षा 10वीं में 69.3 फीसदी अंक हासिल किए। विराट कोहली की 10वीं की मार्कशीट शेयर करते हुए आईएएस अधिकारी ने वही दोहराया जो हममें से अधिकांश लोग पहले से ही जानते हैं, केवल एकेडिमिक अंक ही सफलता का एकमात्र मार्ग नहीं हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘अगर अंक ही एकमात्र कारक होते, तो पूरा देश अब उनके पीछे एकजुट नहीं होता। जुनून और समर्पण ही सफलता की कुंजी हैं। बता दें, आईएएस अधिकारी ने यह मार्कशीट 2023 में शेयर की थी, लेकिन यह अब कई कारणों से फिर से वायरल है। इसे आईएएस अधिकारी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर शेयर किया और युवाओं को विराट कोहली से सीख लिए जानें की बात भी लिखी।
विराट कोहली ने अपने सन्यास लिए जानें को लेकर एक्स पर बड़ी पोस्ट लिखी है। विराट कोहली ने लिखा है कि टेस्ट क्रिकेट में पहली बा मैंने ब्लू र्जा 14 साल पहले पहनी थी। इमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह फॉमेंट मुझे इस तरह के सफर पर लेकर जाएगा। इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे पहचान दी और मुझे सबक सिखाया, जिन्हें मैं जीवन भर याद रखूंगा। मैं हमेशा अपने टेस्ट क्रिकेट को मुस्कराते हुए देखूंगा।
विराट कोहली को लेकर सचिन तेंदुलकर ने एक्स पर लिखा, ‘तुम टेस्ट क्रिकेट से सन्यास ले रहे हो, तो मुझे 12 साल पहल की वो घड़ी याद आ रही है। जब मैंने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था। उस समय तुमने एक बेहद भावुक इशारा किया था। तुमने मुझे अपने दिवंगत पिता का पवित्र धागा भेट करने की पेशकश की थी। हालांकि मेरे पास तुम्हें लौटाने के लिए कोई धागा नहीं है। लेकिन मेरा सम्मान और मेरी शुभकामनाएं तुम्हारे साथ हैं। वहीं गौतम गंभीर ने एक्स पर लिखा कि शेर की तरह जुनून रखने वाला एक इंसान। टेस्ट क्रिकेट में तुम्हारी कमी खलेगी।
विराट कोहली के कॅरियर पर कोरोना ने कुछ हद तक ब्रेक लगाया। विराट कोहली ने 2019 में अपना 27वां टेस्ट शतक लगाया। अगले ही साल कोरोना वायरस आया, मुकाबले कम होने लगे और कोहली ने अपना पीक फॉर्म खो दिया। कोरोना से पहले यानि 2019 तक उन्होंने करीब 55 की औसत से 7202 रन बना लिए थे। जबकि 2019 से लेकर 2024 तक विराट कोहली ने 39 टेस्ट में महज 31 की औसत से 2028 रन ही बना सके। इस दौरान उनके बैट से 3 ही सेंचुरी निकलीं। बांग्लादेश, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी पिछली 3 सीरीज में भी कोहली आउट ऑफ फॉर्म नजर आए। 3 से 5 जनवरी तक उन्होंने सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी टेस्ट खेला और मई में संन्यास ले लिया।
विराट कोहली की कहानी दिल्ली के 114 एलआईसी कॉलीनी से शुरू होती है। कोहली के पिता प्रेम कोहली ने उन्हें विराट बनाया। टीम इंडिया में एंट्री के तीन साल के बाद वह रन मशीन बन गए। उन्हें कई नाम मिले और भारत की जीत के लिए ही खेले और जिए। विराट कोहली ने टेस्ट मैचों में 9230 रन बनाए। 123 मैचों की 210 पारियों के दौरान 30 शतक और 31 अर्धशतक जड़े। कोहली ने 2011 में वनडे विश्व चैंपियन बनने के बाद टेस्ट डेब्यू किया था। उन्होंने इस प्रारूप में खूब रन बनाए। वह 2014 में यानी डेब्यू के तीन साल बाद ही कप्तान भी बन गए। कोहली की कप्तानी में भारत ने 68 में से 40 टेस्ट जीते, 17 हारे और 11 ड्रॉ खेले। इससे साबित होता है कि कोहली की टीम अतीत की भारतीय टीमों से कितनी अलग थी।