नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। पहलागम आतंकी हमले और पाकिस्तान पर पलटवार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के बीकानेर जिले में मौजूद करणी माता मंदिर के दर्शन करने पहुंचे थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने मातारानी के दर पर माथा टेका और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। फिर एक जनसभा को भी संबोधित किया और पाकिस्तान सरकार और वहां की आर्मी को खुलेआम चेतावनी दी। ऐसे में हम आपको इस मंदिर के हैरान कर देने वाले रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।
भक्त चूहों को करते हैं स्पर्श
राजस्थान के बीकानेर जिले के देशनोक गांव में स्थित करणी माता की ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर है। ये मंदिर अपने अनोखी चीज के लिए मशहूर है और वो कुछ और नहीं बल्कि यहां के हजारों चूहें हैं, जो माता के मंदिर में ही रहते हैं। यहां चूहों का खाया प्रसाद दिया जाता है, वहीं यहां चूहों का स्पर्श किया हुआ पानी बीमार लोगों को पिलाया जाता है। भक्त करणी माता के साथ ही चूहों की भी पूजा करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर की पहरेदारी चूहे करते हैं। मातारानी हर भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं।
जानें करणी माता के बारे में
जानकारी के मुताबिक, भक्त करणी माता को देवी दुर्गा का अवतार मानते हैं। करणी माता एक लोकप्रिय महिला संत थीं, जिन्होंने 14वीं शताब्दी में इस जगह पर अपना जीवन बिताया था। वे अपनी दिव्य शक्तियों और चमत्कारिक चीजों के फेमस थीं। कहते हैं, उन्होंने कई साल तक तपस्या और सेवा का जीवन भी जिया। यहां के लोगों के मुताबिक, करनी माता के वंशज ही मृत्यु के बाद चूहों का रूप लेते हैं और मंदिर में माता के साथ निवास करते हैं। उनके निधन के बाद भक्तों ने उनकी मूर्ती स्थापित की और वहां मंदिर बनवा दिया। आज देशभर के लोग यहां माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
करणी माता मंदिर का जानें इतिहास
करणी माता मंदिर के इतिहास को लेकर ग्रामीणों का दावा है कि इसे राजा जय सिंह ने बनवाया था, वहीं, मंदिर का अभी जो रूप है, उसे बनाने का श्रेय महाराजा गंगा सिंह को जाता है। जिन्होंने मंदिर का निर्माण राजपूत शैली में लगभग 15 से 20वीं सदी में करवाया था। मंदिर में संगमरमर की नक्काशी देखी जा सकती है और यहां चांदी के दरवाजे भी लगाए गए हैं। ऐसा लोगों द्वारा बताया जाता है कि 1595 की चैत्र शुक्ल नवमी गुरुवार को करणी माता यहां ज्योर्तिलीन हुई थीं। तभी से यहां करनी माता की पूजा की जा रही है।
क्या है चूहों का रिश्ता
ये मंदिर दुनिया में अपने में ही काफी अनोखा है। माना जाता है, चूहे करनी माता के सौतेले बेटे और उनके वंशज का पुनर्जन्म हैं। इन्हें यहां ‘काबा’ भी कहते हैं और इन्हें यहां कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा सकता। मंदिर में अगर कोई सफेद चूहा दिख जाता है, उसे बेहद शुभ मानते हैं और कहते हैं माता उन्हें खास आशीर्वाद देती हैं। मंदिर के पुजारियों के मुताबिक, चूहे यहां किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते। यहां तक कि अगर कोई बीमार भी आता है, तो कहते हैं उसे चूहों का छुआ पानी पिलाया जाता है।
बल्कि देवी का आशीर्वाद
मंदिर के पुजारी बताते हैं कि, ये चूहे कोई सामान्य चूहे नहीं हैं, बल्कि देवी का आशीर्वाद हैं। मंदिर में चूहों की संख्या हजारों में है, लेकिन कोई आंकड़ा भी नहीं है। मंदिर में देवी को चढ़ाया जाने वाला भोजन चूहों को खिलाते हैं और फिर उसी झूठे प्रसाद को भक्तों में बांट दिया जाता है। भक्त इस प्रसाद का सेवन बड़े ही भक्ति भाव से करते हैं। मंदिर में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भक्त आते हैं। बार्डर पर तैनात बीएसएफ और सेना के जवान माता रानी के दर पर आकर माथा टेकते हैं। मंदिर पाकिस्तान के बार्डर पर स्थित है। कई युद्ध हुए। पाकिस्तान ने गोले बरसाए पर आज तक मंदिर के पास एक भी मिसाइल नहीं फटी।
पीएम मोदी ने खाया प्रसाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मातारानी के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की। पीएम नरेंद्र मोदी ने धोक मारी और चूहों का झूठा प्रसाद लिया। करणी माता को शक्ति और योद्धाओं की देवी माना जाता है। इस पूजा को भारत की ताकत और जीत का प्रतीक माना जा रहा है। पीएम मोदी ने देशनोक रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया और पालना गांव में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने 26,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया। इस दौरे को रणनीतिक और प्रतीकात्मक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।