भारत की तेज गति से दौड़ती अर्थव्यवस्था
2022 में यूनाइटेड किंगडम को पछाड़ने के बाद भारत ने अब जापान को भी पीछे छोड़ दिया है। IMF के अनुसार, 2025 में भारत की GDP ग्रोथ रेट 6.2% रहने का अनुमान है, जो अमेरिका, चीन और यूरोप की तुलना में कहीं अधिक है। यह प्रगति सेवा क्षेत्र, मैन्युफैक्चरिंग, कृषि, होटल और ट्रांसपोर्ट जैसे क्षेत्रों में निरंतर विकास के कारण संभव हो पाई है।
India सरकार की नीतियां जैसे ‘मेक इन इंडिया’, डिजिटल इंडिया और पीएलआई योजना ने निवेश को आकर्षित किया है। ग्रामीण खपत और निजी निवेश भी इस उछाल में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर पार कर चुका है, जिससे वह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा फॉरेक्स रिजर्व वाला देश बन गया है।
प्रति व्यक्ति आय में अभी भी पीछे
हालांकि जीडीपी के मामले में India ने बड़ी छलांग लगाई है, लेकिन प्रति व्यक्ति आय के मोर्चे पर अभी चुनौतियां बनी हुई हैं। IMF की रिपोर्ट के अनुसार भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी मात्र 2,600 डॉलर है, जिससे उसका स्थान 136वां बनता है। वहीं जर्मनी की प्रति व्यक्ति आय 51,432 डॉलर और जापान की 35,395 डॉलर है।
क्रय शक्ति समता (PPP) के आधार पर भारत की रैंकिंग थोड़ी बेहतर है – 119वां स्थान – लेकिन इसमें भी सुधार की आवश्यकता है।
भविष्य की ओर आशा की किरण
IMF का अनुमान है कि India 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है और 2028 तक जर्मनी को पछाड़ते हुए तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हो सकता है। नीति आयोग के अनुसार भारत वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में बढ़ रहा है, विशेषकर चीन से हो रहे उत्पादन शिफ्ट के चलते।
हालांकि, आर्थिक असमानता, शिक्षा, स्वास्थ्य और वैश्विक अनिश्चितताओं जैसी चुनौतियां अभी भी रास्ते में हैं।
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