Effective dental cavity treatment and prevention : अक्सर बचपन से हमें कहा जाता है।”ज्यादा मिठाई मत खाओ, दांत में कीड़ा लग जाएगा।” लेकिन क्या वाकई दांतों में कोई असली कीड़ा लगता है? नहीं! असल में, ये “कीड़ा लगना” एक आम बोलचाल की भाषा है जिसका मतलब होता है।डेंटल कैविटी या दांत में सड़न। यह एक मेडिकल स्थिति है, जिसे समझना बहुत जरूरी है।
दांत कैसे खराब होते हैं?
हमारे दांतों की बनावट तीन परतों से बनी होती है:
इनेमल (Enamel) – सबसे बाहरी परत
डेंटिन (Dentin) – बीच की परत
पल्प (Pulp) – अंदर की परत, जिसमें नसें और खून की नलिकाएं होती हैं
जब हम दिनभर कुछ भी खाते-पीते हैं, तो उसके बाद अगर सही तरह से सफाई न हो, तो दांतों पर प्लाक जम जाता है। यह एक चिपचिपा पदार्थ होता है जिसमें बैक्टीरिया पनपते हैं। ये बैक्टीरिया खाने के छोटे टुकड़ों को तोड़कर एसिड बनाते हैं, जो दांतों की इनेमल को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाते हैं। जब इनेमल खत्म होने लगती है, तो वहां छोटे-छोटे गड्ढे बनने लगते हैं, जिन्हें हम कैविटी या “कीड़ा लगना” कहते हैं।
दांतों में सड़न (कैविटी) के लक्षण
अगर आपको नीचे दिए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो यह डेंटल कैविटी के संकेत हो सकते हैं:
दांत में लगातार हल्का या तेज दर्द रहना
ठंडा या गर्म खाने-पीने से झनझनाहट होना
दांत पर काले या भूरे रंग के धब्बे दिखना
खाना चबाते समय दर्द महसूस होना
दांतों में छोटे छेद या गड्ढे दिखना
कैसे रखें दांतों का ख्याल?
दिन में दो बार ब्रश करें, खासकर रात में सोने से पहले
हर बार खाने के बाद कुल्ला करें
बहुत ज्यादा मीठा या चिपचिपा खाना कम खाएं
साल में कम से कम दो बार डेंटिस्ट को दिखाएं
फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट इस्तेमाल करें
दांत की कैविटी का इलाज
अगर दांत में सड़न शुरू हो चुकी है तो समय रहते डेंटिस्ट से दिखाना जरूरी है। शुरुआत में इलाज आसान होता है। फिलिंग कर दी जाती है। लेकिन अगर कैविटी गहरी हो जाए, तो रूट कैनाल या दांत निकालने की नौबत भी आ सकती है। इसलिए लक्षण नजर आते ही डॉक्टर को जरूर दिखाएं।