AC Effects on Environment:आज की तेज़ गर्मी और लगातार बढ़ते तापमान के बीच एयर कंडीशनर (AC) हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। चाहे घर हो, दफ्तर या गाड़ी, हर जगह AC की ठंडी हवा हमें सुकून देती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये ठंडक धरती के लिए कितनी नुकसानदायक हो सकती है? AC सिर्फ आराम ही नहीं देता, बल्कि पर्यावरण पर कई तरह का बुरा असर भी डालता है। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि AC से क्या-क्या दिक्कतें बढ़ रही हैं।
रेफ्रिजरेंट गैसें जो बढ़ा रही हैं ग्लोबल वार्मिंग
AC में ठंडक पैदा करने के लिए HFC (हाइड्रोफ्लोरोकार्बन) जैसी गैसों का इस्तेमाल होता है। पुराने AC में CFC और HCFC जैसी गैसें होती थीं, जिन्हें अब बैन किया जा चुका है क्योंकि ये ओजोन परत को नुकसान पहुंचाती थीं। हालांकि HFC गैसें ओजोन को नुकसान नहीं पहुंचातीं, लेकिन ये गैसें कार्बन डाइऑक्साइड से हजारों गुना ज्यादा ग्लोबल वॉर्मिंग को बढ़ाती हैं।
ज्यादा बिजली, ज्यादा प्रदूषण
AC को चलाने के लिए काफी बिजली की जरूरत होती है। भारत जैसे देशों में जहां बिजली बनाने के लिए कोयले का इस्तेमाल होता है, वहां AC की वजह से कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें हवा में मिल जाती हैं। इससे वायु प्रदूषण और तापमान दोनों बढ़ते हैं।
शहरों में गर्मी और बढ़ा रहा है AC
AC से निकलने वाली गर्म हवा बाहर के तापमान को और बढ़ा देती है। खासकर शहरों में ये “अर्बन हीट आइलैंड” नाम की स्थिति बनाती है, जिसमें शहरों का तापमान गांवों की तुलना में बहुत ज़्यादा हो जाता है। इससे लोग और ज्यादा AC चलाते हैं और ये सिलसिला कभी खत्म नहीं होता।
पानी की भी हो रही है दिक्कत
ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, जिससे पीने का पानी घट रहा है। सूखा पड़ने और पानी की कमी जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। वॉटर टेबल नीचे जा रही है और कई जगहों पर लोग पानी के लिए परेशान हैं।
कबाड़ और जहरीले कचरे में इजाफा
AC की एक सीमित उम्र होती है। जब ये खराब होते हैं, तो इनमें मौजूद गैसें और मेटल अगर सही से फेंके ना जाएं तो ये धरती और हवा को प्रदूषित कर सकते हैं।
क्या हैं समाधान?
एनर्जी सेविंग वाले AC खरीदें।
घर में पंखों, कूलर और खिड़की से हवा आने जाने का रास्ता खुला रखें।
कोशिश करें कि सोलर पावर से AC चलाएं।
पेड़ लगाएं, ताकि वातावरण में ठंडक बनी रहे।
AC का तापमान 24 से 26 डिग्री के बीच रखें, इससे बिजली की बचत होगी।