Barabanki Dalit Youth: बाराबंकी के ऐतिहासिक लोधेश्वर महादेव मंदिर में दलित युवक से कथित रूप से पूजा करने से रोकने और मारपीट का मामला सामने आया है। युवक ने मंदिर के पुजारी और उनके परिजनों पर जातिगत अपमान और हिंसा का आरोप लगाया है। वहीं पुजारी पक्ष का कहना है कि युवक ने महिला श्रद्धालुओं से छेड़छाड़ की थी, जिससे विवाद हुआ। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों की शिकायत पर जांच शुरू कर दी गई है। मामला संवेदनशील जातीय और धार्मिक क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है, जिसे लेकर प्रशासन सतर्क है। घटना मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हुई है, जिसकी फुटेज जांची जा रही है।
दलित युवक का आरोप: जाति पूछकर पूजा से रोका, पूजा सामग्री से पीटा गया
रामनगर तहसील क्षेत्र स्थित महाभारत कालीन लोधेश्वर महादेव मंदिर Barabanki में शैलेंद्र कुमार नामक दलित युवक ने मंदिर के पुजारी अखिल तिवारी, शुभम तिवारी और आदित्य तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शैलेंद्र का कहना है कि जब वह मंदिर में पूजा करने पहुंचा तो उसकी जाति पूछी गई और ‘चमार’ कहकर अपमानित किया गया। विरोध करने पर उसे पूजा सामग्री—लोटा और घंटा—से मारा गया, जिससे उसके सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं। घायल अवस्था में उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। पीड़ित ने दावा किया कि उसका किसी से पुराना कोई विवाद नहीं था।
पुजारी पक्ष का जवाब: छेड़छाड़ के विरोध में हुआ विवाद
मंदिर पुजारी आदित्य तिवारी ने आरोपों को खारिज करते हुए युवक पर ही महिला श्रद्धालुओं से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। पुजारी ने बताया कि जब उनके बेटे और बहू पूजा कर रहे थे, तभी शैलेंद्र ने उनकी बहू को गलत इरादे से टक्कर मारी। विरोध करने पर शैलेंद्र ने गाली-गलौज और मारपीट शुरू कर दी। पुजारी के अनुसार यह घटना मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुद्दे को स्थानीय राजनीति से प्रेरित होकर तूल दिया जा रहा है।
पुलिस जांच में जुटी, सीसीटीवी फुटेज से सुलझेगा मामला
रामनगर थाना प्रभारी Barabanki और महादेव चौकी इंचार्ज संतोष त्रिपाठी ने बताया कि दोनों पक्षों की शिकायत मिली है। घटना मंदिर के अंदर हुई है और वहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनकी फुटेज निकाली जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। कोतवाली प्रभारी अनिल पांडेय ने कहा कि पीड़ित युवक का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है और मंदिर पक्ष के बयान आने के बाद विधिक प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
राजनीतिक रंग देने का आरोप, लाखों की भीड़ में कभी नहीं हुआ विवाद
Barabanki मंदिर प्रबंधन और पुजारी पक्ष का कहना है कि यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक प्रेरित है। मंदिर में वर्षों से सावन और शिवरात्रि जैसे पर्वों पर लाखों लोग दर्शन करने आते हैं, जिनमें दलित और पिछड़ी जातियों के लोग भी बड़ी संख्या में होते हैं। उनके अनुसार, किसी को कभी पूजा से नहीं रोका गया और ना ही जातीय आधार पर भेदभाव हुआ है। उन्होंने स्थानीय भाजपा नेता रामबाबू द्विवेदी के समर्थकों पर माहौल खराब करने का आरोप लगाया है।
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