Yogi Govt: उत्तर प्रदेश के संभल जिले को धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर चमकाने की दिशा में योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कल्कि धाम, शंख माधव तीर्थ, ऋषिकेश महाकूप, मृत्यु कूप समेत 68 तीर्थ और 19 कूपों के कायाकल्प के लिए कुल सात करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। इनमें से तीन करोड़ रुपये केवल प्राचीन कल्कि मंदिर के विकास पर खर्च होंगे। इस योजना का उद्देश्य न सिर्फ धार्मिक स्थलों को पुनर्जीवित करना है, बल्कि शहर की सांस्कृतिक गरिमा को फिर से स्थापित करना भी है। जिला प्रशासन ने इसके लिए निरीक्षण और विस्तृत विकास योजनाएं तैयार कर ली हैं।
संभल को धार्मिक हब बनाने की तैयारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने संभल को धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में कमर कस ली है। जिलाधिकारी विकास चंद्र ने बताया कि इस योजना के तहत कल्कि धाम और शंख माधव तीर्थ सहित प्रमुख धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भगवान कल्कि मंदिर में परिक्रमा पथ, धार्मिक पेंटिंग, सुंदर बागीचा, श्रद्धालुओं के लिए विश्राम व्यवस्था और भगवान कल्कि का भव्य घोड़ा स्थापित किया जाएगा।
शंख माधव तीर्थ, कूप और स्मारकों का भी होगा कायाकल्प
प्रशासन द्वारा संभल के 68 तीर्थ स्थलों और 19 प्राचीन कूपों को चिह्नित कर पुनरुद्धार की कार्ययोजना तैयार की गई है। इसमें शंख माधव तीर्थ, ऋषिकेश महाकूप, मृत्यु कूप और विलुप्त हो चुके कई अन्य स्थलों को शामिल किया गया है। साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित आठ स्मारकों को भी विकसित किया जाएगा।
सांप्रदायिक तनाव के बाद संभल में नई दिशा
गौरतलब है कि 24 नवंबर 2023 को शाही जामा मस्जिद सर्वे के बाद हुए हिंसा के बाद संभल राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया था। इसके बाद प्रशासन ने धार्मिक सौहार्द्र बनाए रखने और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में अभियान शुरू किए। इसी क्रम में 46 वर्ष से बंद पड़े कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट 14 दिसंबर को खोले गए थे, जिससे धार्मिक जागरूकता को बल मिला।
सरकार की योजना: आस्था के साथ रोजगार भी
योगी सरकार की इस पहल से जहां श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, वहीं स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर न सिर्फ क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि संभल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को भी पुनर्जीवित किया जा सकेगा।