Fastest Internet Speed : जून 2025 में जापान के National Institute of Information and Communications Technology (NICT) ने इंटरनेट स्पीड का ऐसा रिकॉर्ड बनाया है जो सुनकर ही चौंका देता है। उन्होंने 1.02 पेटाबिट प्रति सेकंड की स्पीड से डेटा ट्रांसफर किया – यानी हर सेकंड में 10 लाख गीगाबिट से भी ज़्यादा! लेकिन सवाल ये है कि इतनी ज़बरदस्त स्पीड का हमारे रोज़मर्रा के जीवन से क्या लेना-देना है? चलिए कुछ दिलचस्प उदाहरणों से समझते हैं।
सारे वीडियो गेम्स बस एक सेकंड में होते हैं डाउनलोड
आज अगर आप Steam पर मौजूद हर गेम डाउनलोड करना चाहें — Baldur’s Gate 3 से लेकर Counter-Strike 2 तक — तो आपको महीनों लग सकते हैं। लेकिन इस नई स्पीड के साथ आप Steam की पूरी लाइब्रेरी, जिसकी साइज़ करीब 1.2 पेटाबाइट है, को कुछ ही सेकंड्स में अपने सिस्टम में ले सकते हैं। इतनी स्पीड में आप आराम से 10 मिलियन (1 करोड़) 8K वीडियो को एक ही वक्त में स्ट्रीम कर सकते हैं। टोक्यो से लेकर न्यूयॉर्क तक, हर व्यक्ति को अलग-अलग 8K मूवी दिखा दी जाए तब भी बैंडविड्थ बची रहेगी।Spotify के मुताबिक, एक मिनट के गाने का साइज़ करीब 1MB होता है। इस हिसाब से आप लगभग 6.7 करोड़ गाने (यानि 1,27,000 सालों की म्यूज़िक लाइब्रेरी) को सिर्फ 1 सेकंड में डाउनलोड कर सकते हैं।
अंग्रेज़ी विकिपीडिया को 10,000 बार सेव करें
अंग्रेज़ी में पूरी Wikipedia का साइज़ लगभग 100GB है। इस स्पीड से आप उसे एक सेकंड में 10,000 बार डाउनलोड कर सकते हैं। अगर सारी भाषाओं की विकिपीडिया की बात करें, तब भी स्पीड ज़्यादा ही बचेगी।
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इस तकनीकी छलांग का सबसे बड़ा फायदा तब दिखेगा जब डेटा सेंटर्स, AI सिस्टम्स और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर को एक-दूसरे से रीयल-टाइम में जोड़ा जाएगा। यह स्पीड अगली पीढ़ी की तकनीकों – जैसे कि ऑटोनॉमस व्हीकल्स, स्मार्ट सिटीज़, और 6G नेटवर्क – के लिए एक मजबूत बुनियाद रखेगी।
NICT ने कैसे किया ये करिश्मा?
इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए NICT ने कोई अनोखी या नई तकनीक नहीं अपनाई। उन्होंने उन्हीं फाइबर ऑप्टिक केबल्स का इस्तेमाल किया जो पहले से दुनियाभर में बिछे हुए हैं। फर्क बस इतना था कि उन्होंने चार कोर और 50+ वेवलेंथ्स का प्रयोग किया। खास बात ये रही कि उन्होंने ये स्पीड 51.7 किलोमीटर की दूरी तक बनाए रखी – यानी ये तकनीक असल दुनिया में भी लागू की जा सकती है। फिलहाल नहीं। अभी जो इंटरनेट हम घरों में इस्तेमाल करते हैं, वह टेराबिट की स्पीड तक भी नहीं पहुंचा है। लेकिन जापान की ये उपलब्धि भविष्य में अंडरसी केबल्स, नेशनल ब्रॉडबैंड सिस्टम और 6G तकनीक के लिए नींव तैयार कर सकती है।