Anant Radhika : अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट का विवाह सिर्फ दो लोगों के मिलन की कहानी नहीं थी, बल्कि यह भारत की गहरी आध्यात्मिक जड़ों और वस्त्र शिल्प की समृद्ध परंपरा को समर्पित एक भव्य सांस्कृतिक आयोजन था। मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में संपन्न यह समारोह, एक ऐसा अनुभव बन गया जिसमें भारतीय परंपराओं की गरिमा और उत्सव की भव्यता का अनूठा संगम देखने को मिला। विश्वभर से आए विशिष्ट अतिथियों के लिए यह एक ऐसी स्मृति बन गई जो भारत की आत्मा की गहराइयों को छूती है।
एक थीम, एक अनुभव
विवाह समारोह का केंद्रीय विषय था — ‘एन ओड टू बनारस’ — जो न केवल एक सजावटी विचार था, बल्कि बनारस की पवित्रता, कला और आस्था को जीवंत रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास भी। जियो वर्ल्ड सेंटर के कॉनकोर्स को इस तरह सुसज्जित किया गया था कि वहां कदम रखते ही ऐसा महसूस हो जैसे बनारस की घाटों पर कोई आध्यात्मिक यात्रा शुरू हो गई हो। पवित्र मंत्रों की ध्वनि, पारंपरिक कलाकृतियों की झलक और बनारसी गलियों जैसी सजावट ने इस स्थान को भक्ति, संस्कृति और विरासत के एक जीवंत दृश्य में बदल दिया।
भारत की सांस्कृतिक समृद्धि की वैश्विक झलक
यह आयोजन विदेशी मेहमानों के लिए केवल एक विवाह नहीं था, बल्कि उन्हें भारत के सबसे प्राचीन और जीवंत नगरों में से एक — वाराणसी — की प्रतीकात्मक यात्रा पर ले जाने जैसा था। सजावट, संगीत और माहौल ने मिलकर एक ऐसा संवेदी अनुभव रचा, जिसने आध्यात्मिकता और कलात्मकता को भावनाओं के साथ पिरो दिया। यह आयोजन भारत के सांस्कृतिक हृदय की एक झलक बनकर उभरा।
यह भी पढ़ें : सिर्फ 3 दिन में 15,300 रुपये महंगा हुआ सोना, जानें 10 ग्राम की ताज़ा कीमत
इस समारोह की एक और खास बात थी ‘रिस्प्लेंडेंटली इंडियन’ ड्रेस कोड, जिसने मेहमानों को पारंपरिक भारतीय परिधान धारण करने के लिए प्रेरित किया। राजसी बनारसी साड़ियों से लेकर महीन ज़रदोज़ी वाली शेरवानियों तक, यह आयोजन भारतीय वस्त्रकला और कारीगरी का एक चलता-फिरता संग्रहालय बन गया। रंगों की विविधता, बुनाई की बारीकी और डिज़ाइनों की मौलिकता ने देश के बुनकरों और डिज़ाइनरों की रचनात्मकता को वैश्विक मंच पर गौरवपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया।
विवाह बना सांस्कृतिक सम्मेलन
यह समारोह विवाह से कहीं आगे बढ़कर एक सांस्कृतिक उत्सव बन गया — एक ऐसा आयोजन जिसमें भारत की विविधता, उसकी परंपराएं और आधुनिकता का संगम साफ दिखाई दिया। यह विवाह इस विचार का प्रतीक बना कि जड़ों से जुड़े रहकर भी आधुनिकता को अपनाया जा सकता है। परिवार की ओर से कहा गया, “बनारस को समर्पित यह थीम विश्वभर से आए मेहमानों को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा पर ले गई, जो बनारसी परंपरा, शिल्प, भक्ति और भोजन का उत्सव थी।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि, “‘रिस्प्लेंडेंटली इंडियन’ थीम के तहत मेहमानों ने पारंपरिक पोशाकों में सजकर भारत की सांस्कृतिक विरासत को सम्मान और गर्व के साथ प्रदर्शित किया।” इस प्रकार, अंबानी-मर्चेंट विवाह एक भावनात्मक और सांस्कृतिक क्षण बनकर उभरा — न केवल एक निजी उत्सव, बल्कि भारत के गौरव और पहचान का एक प्रतीकात्मक पर्व।