Matter of Pride for Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश के अन्य नेताओं ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इंदौर सहित मध्यप्रदेश के कई शहरों को स्वच्छता के लिए सम्मान मिलना पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है।
मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा – “इंदौर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा ‘सुपर स्वच्छ लीग सिटी’ के रूप में सम्मानित किया जाना हर मध्यप्रदेशवासी के लिए गौरव का क्षण है।”
कई शहरों को मिले पुरस्कार
इंदौर के अलावा भोपाल, देवास, शाहगंज, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन और बुधनी को भी अलग-अलग श्रेणियों में स्वच्छता के लिए पुरस्कृत किया गया है। मुख्यमंत्री ने सभी स्थानीय निकायों, सफाईकर्मियों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को इस सफलता के लिए बधाई दी।
भोपाल ने भी रचा इतिहास
प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि भोपाल ने 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की श्रेणी में दूसरा स्थान हासिल कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है।
उन्होंने कहा “राजधानी भोपाल की यह उपलब्धि सभी नागरिकों के सहयोग और समर्पण का नतीजा है। स्वच्छता, सुंदरता और स्मार्टनेस के मामले में अब भोपाल की पहचान और भी मजबूत हो गई है।”
कांग्रेस नेताओं ने भी दी बधाई
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी इंदौर की जनता को इस उपलब्धि पर बधाई दी। उन्होंने कहा “इंदौर ने स्वच्छता को आदत और संस्कार बना लिया है। उज्जैन और बुधनी ने भी मिसाल कायम की है। जनजागरूकता ही इस सफलता की असली कुंजी है।” उन्होंने आगे कहा कि भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, देवास और शाहगंज जैसे शहरों ने भी प्रतियोगिता में अपना दम दिखाया और सम्मान प्राप्त किया, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।
इंदौर के महापौर की प्रतिक्रिया
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि लगातार आठवीं बार इंदौर को नंबर एक बनाना सभी शहरवासियों की जागरूकता और मेहनत का नतीजा है।
उन्होंने लिखा “नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्वारा इंदौर को सबसे पहले बुलाकर शीर्ष पुरस्कार दिया गया, जो बेहद सम्मानजनक है। यह स्वच्छता कर्मियों और आम नागरिकों की सच्ची लगन का फल है।”
देशभर से हुआ बड़ा जनभागीदारी
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अनुसार, इस सर्वेक्षण में देशभर के 4,500 से ज्यादा शहरों से 14 करोड़ से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। लोगों ने बातचीत, ऐप और सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी राय दी।
इंदौर का लगातार स्वच्छता में अव्वल रहना सिर्फ एक शहर की नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की मेहनत और सोच को दर्शाता है। यह दिखाता है कि अगर जनसहभागिता हो, तो कोई भी लक्ष्य पाना मुश्किल नहीं।