Sitapur transformer dispute: उत्तर प्रदेश के Sitapur जिले के कोरैया उदनापुर गांव में ट्रांसफॉर्मर खराब होने से ग्रामीण 15 दिनों से अंधेरे में जीने को मजबूर थे। लगातार शिकायतों के बाद भी बिजली विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। जब कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही खुद ग्रामीणों के साथ ट्रांसफॉर्मर बदलवाने पहुंचे, तो हरगांव पावर हाउस के JE रमेश मिश्रा ने फोन पर अभद्रता करते हुए कहा—”खुद आकर बदल लो ट्रांसफार्मर”। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसके बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सख्त रुख अपनाया और JE को तत्काल सस्पेंड कर दिया। साथ ही विभागीय अधिकारियों को चेतावनी दी कि जनता और जनप्रतिनिधियों से अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पूरा बिजली महकमा अब जवाबदेही के घेरे में है।
यूपी सरकार में अधिकारियों ने फिर उड़ाए मंत्री के तोते!
20 दिन से गांव में ट्रांसफॉर्मर खराब था।
कारागार राज्य मंत्री सुरेश राही ने JE को फोन किया- JE बोला: "खुद आकर उतरवा लो ट्रांसफॉर्मर!"
पावर कारपोरेशन की MD रिया केजरीवाल ने फोन तक नहीं उठाया।
सीतापुर में मंत्री जी खुद धरने पर… pic.twitter.com/rXYV2sR2JU— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) August 5, 2025
मंत्री को उतारना पड़ा ट्रांसफॉर्मर
हरगांव सीट से बीजेपी विधायक व कारागार राज्य मंत्री सुरेश राही के अनुसार, गांव के लोग लगातार ट्रांसफॉर्मर बदलने की गुहार लगा रहे थे लेकिन विभागीय अधिकारी टालमटोल कर रहे थे। मंत्री ने जब मध्यांचल विद्युत निगम की एमडी रिया केजरीवाल से संपर्क करने की कोशिश की, तो फोन तक नहीं उठाया गया। इस पर नाराज मंत्री ने पिकअप, रस्सी और ग्रामीणों की मदद से खुद ट्रांसफॉर्मर उतरवाने का निर्णय लिया। इसी दौरान JE रमेश मिश्रा का मंत्री से अपशब्दों वाला व्यवहार सामने आया, जिसने मामले को तूल दे दिया।
ऊर्जा मंत्री ने लिया संज्ञान
Sitapur घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। जैसे ही ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा को जानकारी मिली, उन्होंने JE रमेश मिश्रा को तत्काल सस्पेंड कर दिया। ऊर्जा मंत्री ने इसे “जनप्रतिनिधि से अमर्यादित व्यवहार और जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनहीनता” करार देते हुए कहा कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यूपीपीसीएल के चेयरमैन और मध्यांचल विद्युत निगम की एमडी को निर्देश दिए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
ऊर्जा मंत्री ने चेतावनी दी कि अब Sitapur विभाग के निचले स्तर से लेकर शीर्ष तक हर अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। किसी भी कर्मचारी द्वारा जनता या जनप्रतिनिधियों के साथ अभद्रता, लापरवाही या गैरजिम्मेदारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह घटनाक्रम राज्य में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली और जवाबदेही को लेकर बड़ा संदेश बन गया है।