Bananas in Uttarakhand: अगर कोई कहे कि खिलाड़ियों के लिए 35 लाख रुपये के केले खरीदे गए हैं तो आपको हैरानी होगी। लेकिन यह सच है और यह घटना भारत में, उत्तराखंड में हुई है। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने बीते मंगलवार (10 सितंबर) को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई को एक नोटिस भेजा है। दरअसल, उत्तराखंड क्रिकेट ऐसोसिएशन पर 12 करोड़ रुपये के सरकारी फंड्स का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा है। शिकायत के बाद कोर्ट ने बीसीसीआई से जवाब मांगा है।
ऑडिट रिपोर्ट से खुला मामला
शिकायत करने वाले लोगों ने उत्तराखंड क्रिकेट ऐसोसिएशन की ऑडिट रिपोर्ट का हवाला दिया। यह रिपोर्ट एक बाहर के चार्टर्ड अकाउंटेंट ने तैयार की थी। रिपोर्ट में लिखा है कि खिलाड़ियों के लिए 35 लाख रुपये के केले खरीदे गए। सुनवाई जस्टिस मनोज कुमार तिवारी की बेंच कर रही है। देहरादून के संजय रावत और अन्य लोगों ने 2024-25 की ऑडिट रिपोर्ट की जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की थी।
रिपोर्ट के अनुसार, 6.4 करोड़ रुपये इवेंट मैनेजमेंट में खर्च किए गए हैं, जबकि 26.3 करोड़ रुपये टूर्नामेंट और ट्रायल पर लगाए गए हैं। यह पिछले साल से ज्यादा है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में 22.3 करोड़ रुपये ही टूर्नामेंट और ट्रायल पर खर्च हुए थे। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि खाने-पीने के नाम पर कई करोड़ों का घपला हुआ है और खिलाड़ियों को जरूरी सुविधाएँ कभी मिली ही नहीं।
कोर्ट की कार्रवाई और आगे की सुनवाई
हाई कोर्ट ने शिकायतों को गंभीरता से लिया है और मामले की सुनवाई अगले शुक्रवार के लिए तय कर दी है। कोर्ट ने बीसीसीआई से जवाब मांगा है और पूरी जांच की दिशा में कदम बढ़ाया है। कोर्ट की बेंच ने साफ कहा कि आरोपों की गहराई से जांच की जाएगी ताकि सच्चाई सामने आ सके।
खिलाड़ियों की सुविधाओं पर सवाल
शिकायत करने वाले लोगों का कहना है कि जो सुविधाएँ खिलाड़ियों को मिलनी चाहिए थीं, वो कभी नहीं मिलीं। कई करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद खिलाड़ियों की मदद नहीं की गई। इसका नतीजा यह है कि खिलाड़ियों के नाम पर पैसे खर्च किए गए, लेकिन असल में फायदा नहीं मिला। इससे खिलाड़ियों और आम जनता में नाराज़गी है।
उत्तराखंड क्रिकेट ऐसोसिएशन पर लगे आरोपों ने खेल जगत में हलचल मचा दी है। हाई कोर्ट द्वारा बीसीसीआई को नोटिस भेजने के बाद अब मामले की जांच शुरू होगी। यह मामला सिर्फ फंड के दुरुपयोग का नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के अधिकारों और सुविधाओं से जुड़ा हुआ है। आने वाली सुनवाई में साफ होगा कि आरोप सही हैं या नहीं