लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में े बाइक शोरूम स्वामी अभिषेक गुप्ता की 26 सितंबर की रात को शूटर्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में शकुन पांडेय कत्ल का नाम सामने आया। पुलिस ने
शूटर्स और शकुन के पति को अरेस्ट कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने लेडी किलर के बारे में सबकुछ उगल दिया। फिलहाल आरोपी महिला फरार है। पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम घोषित कर दिया है। कातिल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें ऑपरेशन चलाए हुए हैं। एसएसपी नीरज जादौन ने बताया कि अभिषेक की हत्या की पूरी साजिश महामंडलेश्वर शकुन पांडेय ने रची और शूटरों को तीन लाख रुपये में सुपारी भी उन्होंने ही दी। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
शकुन पांडेय पढ़ाई में अव्वल थी। वह गणित की होनहार छात्रा रहीं। कभी 80 फीसदी से कम नंबर नहीं आए। मूल रूप से हाथरस सिकंदराराऊ के कचौरा निवासी पूजा शकुन के पिता पेशे से प्रोफेसर थे। पूजा जब छोटी थीं, तब पिता कायमगंज में सेवारत थे। पूजा की स्कूलिंग कायमगंज में ही हुई। बाद में पिता हरियाणा के हिसार व फिर सहारनपुर पहुंचे। वहां डिग्री कालेज में प्राचार्य बने वहीं से सेवानिवृत्त हुए। इसी बीच इंटरमीडिएट व स्नातक की पढ़ाई हिसार व सहारनपुर में हुई। बाद में मेरठ विश्वविद्यालय से गणित में एमफिल करने के बाद गाजियाबाद के कॉलेज में खुद प्रोफेसर बन गईं। इसी बीच मैनपुरी के किशनी कस्बा निवासी अशोक पांडेय से प्रेम संबंध होने पर दोनों ने प्रेम विवाह किया। इधर, इनके एक भाई अलीगढ़ में ही कार्यरत हैं, इसलिए सेवानिवृत्त होने के बाद पिता कुछ दिन रामपुर के जौहर विश्वविद्यालय में पीवीसी रहे।
10 वर्ष पहले पूजा शकुन पांडेय ने प्रोफेसर की जॉब छोड़ दी। फिर अखिल भारत हिंदू महासभा से जुड़ गई और महामंडलेश्वर तक बनीं। अलीगढ़ आने व हिंदू महासभा से जुड़ने के बाद पूजा शकुन 2016 में सक्रिय हुईं। इसके बाद उन्होंने अपने मोहल्ले बी दास कंपाउंड परिसर में धार्मिक आयोजन करना शुरू किया। सामूहिक हवन यज्ञ, धर्म सभा, श्रीमद्भागवत कथा के कार्यक्रमों का आयोजन शकुन अक्सर करवाया करती थी। शकुन के कार्यक्रम में बीजेपी के बड़े-बड़े नेता भी शामिल हुआ करते थे। सांसद, विधायक भी शकुन के दर पर आते थे। शकुन पांडेय ने गांधी के पुतले को गोली मारने, सड़कों पर जुमे की नमाज पढ़ने पर पाबंदी की मांग की। तभी से वह सुर्खियों में आ गई। गांधी के पुतले वाले कांड में पुलिस ने उन्हें जेल भी भेजा। इसके बाद खुद को धमकी देने का आरोप लगाकर व खतरा बताकर वाई श्रेणी की सुरक्षा भी मांगी, लेकिन यह मांग कभी पूरी नहीं हुई।
गाजियाबाद में पढ़ाने के समय ही पूजा शकुन व अशोक पांडेय की मुलाकात कमलेश तिवारी से हो गई। बाद में अखिल भारत हिंदू महासभा में उन्हें राष्ट्रीय सचिव बना दिया गया।इसी बीच वह गाजियाबाद के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद व गुजरात के महामंडलेश्वर सूर्याचार्य के संपर्क में आईं। तभी गृहस्थ जीवन से संन्यास धारण करना तय किया। संन्यास ग्रहण करने से पहले पूजा शकुन दो बच्चों की मां भी बनीं, जिनमें बड़ा बेटा वर्तमान में दसवीं व छोटा आठवीं में पढ़ रहा है, मगर संन्यास ग्रहण करने के कारण बच्चों की देखभाल खुद पति अशोक पांडेय ने संभाल ली। घर में ही बगलामुखी माता का मंदिर बनवाया। इसके बाद से खुद पति अशोक सहित सभी समर्थक और परिचित पूजा को माता कहकर संबोधित करने लगे।
जिस दिन अभिषेक की हत्या हुई, उस दिन पूजा शकुन पांडेय महामंडलेश्वर के रूप में इगलास में आयोजित धर्म संसद में मंच पर थीं। शाम को वहां भाषण देने के बाद घर पहुंचीं। इसके बाद रविवार को अपने पिता स्व.प्रो.आरआर आजाद की पुण्यतिथि पर हेवीटेट सेंटर में कार्यक्रम आयोजित किया था। मगर उससे पहले हत्या के चलते वह कार्यक्रम रद्द् हो गया। पूजा शकुन व उनके पति अशोक पांडेय पर हत्या कराने का आरोप है। बुधवार को पुलिस ने जो खुलासा किया उससे यही उजागर हुआ कि हत्या कराने से पहले बड़ी साजिश रची गई। खुद उनके बेहद करीबी की हत्या हुई। हत्या के बाद तत्काल अशोक पांडेय मेडिकल कॉलेज पहुंचे। ताकि किसी को ये न लगे कि उनकी कोई भूमिका है। वह तो परिवार ने खुलकर आरोप लगाया। अब जब शूटर पकड़े गए तो उससे साक्ष्य मिले। अगर परिवार आरोप न लगाते व पुलिस इस दिशा में न सोचती तो शायद साजिश उजागर नहीं होती।
अलीगढ़ में 17 सितंबर को पूजा शकुन पांडेय के घर पर सियासी जमावड़ा लगा था। जनप्रतिनिधियों के साथ ही शहर की कई दिग्गज हस्तियां मौजूद थीं। इस भीड़ में अभिषेक गुप्ता की हत्या में शामिल रहे फजल और आसिफ भी थे। पूजा ने इस दौरान इन दोनों को यह भी बता दिया था कि उसके संबंध बड़े-बड़े लोगों से हैं, लिहाजा वह उन पर आंच नहीं आने देगी। पुलिस की पूछताछ में इन बातों का गिरफ्तार शूटरों ने खुलासा किया है। सुपारी लेने वाला शूटर फजल पिछले 7-8 वर्ष से दोनों को करीब से जानता है। मगर जब बात हत्या की आई और उसका साथी आसिफ भी इसमें शामिल हुआ, तब तमाम सवाल शूटरों की ओर से उछाले गए। उन्हें समझाया गया कि किस तरह सीसीटीवी से बचना है। किस तरह मोबाइल का प्रयोग घटना वाले दिन नहीं करना है। साथ में यह भी समझाने का प्रयास हुआ कि उनकी सत्ताधारी तमाम नेताओं से करीबी है। कोई बात फंसेगी तो वे सब मदद करेंगे। इस क्रम में 17 सितंबर को पूजा शकुन ने घर पर तर्पण कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें विधायक, एमएलसी, भाजपा और संघ के तमाम दिग्गजों को आमंत्रित किया गया। वे इस कार्यक्रम में शामिल हुए, मगर उन्हें कुछ नहीं पता था कि पांडेय दंपती कोई खिचड़ी पका रहे हैं।
दोनों शूटरों को घर पर सफाई आदि काम के नाम पर बुलाया गया था। तब उन्हें इशारों में बताया कि ये सभी करीबी हैं। यही लोग बाद में किसी तरह के संकट में मदद करेंगे, मगर ये सब संभव नहीं हो सका। जब परिवार के आरोप के बाद पुलिस ने भेद खोला तो अब तक तीन लोग पकड़े गए, जबकि पूजा खुद फरार है। फरार पूजा शकुन पांडेय की संपत्तियों पर भी पुलिस की नजर पहुंच गई है। फिलहाल वह अपने बैंक बैलेंस वाले खाते के डेबिट कार्ड को लेकर फरार घूम रही है, मगर अभी तक उसने कहीं भी अपने डेबिट कार्ड का प्रयोग नहीं किया। वहीं पुलिस उसकी व उसके पति की अचल संपत्तियों की भी जानकारी जुटा रही है, ताकि कुर्की प्रक्रिया व गैंगस्टर के बाद की प्रक्रिया में इन संपत्तियों पर कार्रवाई की जा सके। अब तक जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार पूजा के पास 15 लाख के आसपास रकम है, जिसका प्रयोग वह डेबिट कार्ड के जरिये कर सकती है, मगर अभी तक उसने कहीं भी इस तरह की गतिविधि नहीं अपनाई है। वहीं पुलिस की विवेचक टीम ने उसकी निजी व अचल संपत्तियों की जानकारी जुटाना भी शुरू कर दिया है, जिसमें ये जानने का प्रयास हो रहा है कि आखिर पूजा व अशोक की संपत्तियां कब कब खरीदी गई हैं, उनका स्रोत कहां से है। कितनी संपत्तियां पिता या परिवार की ओर से मिली हैं।
महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडेय से महामंडलेश्वर का पद छीन लिया गया है। बाइक शोरूम स्वामी अभिषेक गुप्ता की हत्या की साजिश रचने व 25 हजार रुपये का इनाम घोषित होने की खबर निरंजनी अखाड़े तक पहुंचने के बाद यह कदम उठाया गया है। साथ में निरंजनी अखाड़े से भी निष्कासित कर दिया गया है। यह घोषणा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री निरंजनी अखाड़ा के श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने की है। इधर, अदालत ने लापता पूजा शकुन के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिए हैं। खेरेश्वर चौराहा पर 26 सितंबर की देर शाम अभिषेक गुप्ता की हत्या में साजिश की मुख्य आरोपी के रूप में नामजद पूजा शकुन पांडेय लापता है। शूटरों के पकड़े जाने व उनसे हुए खुलासे में पूछताछ के बाद एसएसपी स्तर से पूजा शकुन पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है।