Relief for Students in Winter: जैसे-जैसे ठंड नज़दीक आ रही है, वैसे-वैसे प्रदेश का बेसिक शिक्षा विभाग सक्रिय हो गया है। पहले जहां स्कूलों के समय में बदलाव किया गया था, वहीं अब बच्चों के हित में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष योजना शुरू की है कि प्रदेश का कोई भी बच्चा बिना स्वेटर या अधूरी यूनिफॉर्म में स्कूल न जाए।
बच्चों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अभिभावकों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के ज़रिए धनराशि भेजनी शुरू कर दी है। यह पैसा बच्चों के यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा और स्टेशनरी के लिए दिया जा रहा है, ताकि उन्हें पढ़ाई में कोई परेशानी न हो।
रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक एक करोड़ तीन लाख 25 हजार बच्चों के खातों में पैसा पहुंच चुका है। वहीं, बाकी 23 लाख बच्चों को अगले 7 दिनों में यह राशि मिल जाएगी। इनमें से करीब 10 लाख बच्चों के खातों में अगले दो दिनों के भीतर ही पैसा ट्रांसफर किया जाएगा।
डीबीटी की प्रक्रिया की समीक्षा
सोमवार को अपर मुख्य सचिव बेसिक और माध्यमिक शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने निशातगंज स्थित राज्य परियोजना कार्यालय में बैठक की। बैठक में यह समीक्षा की गई कि बच्चों को जूता-मोजा, यूनिफॉर्म, बैग और स्टेशनरी के लिए धनराशि किस गति से भेजी जा रही है। उन्होंने सभी जिलों के बीएसए (जिला शिक्षा अधिकारी) को सख्त निर्देश दिए कि जिन अभिभावकों के खातों में पैसा पहुंच चुका है, उन्हें इसकी सूचना दी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि यह धनराशि केवल बच्चों की जरूरत की चीजों पर ही खर्च हो।
आधार कार्ड न होने पर भी मिलेगा लाभ
बैठक में एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। अब बिना आधार कार्ड वाले बच्चों को भी डीबीटी का लाभ मिलेगा। ऐसे बच्चों के लिए यूआईडीएआई के माध्यम से विशेष व्यवस्था की जाएगी, ताकि कोई भी बच्चा इस योजना से वंचित न रह जाए। हालांकि यह व्यवस्था केवल इस शैक्षणिक सत्र के लिए लागू रहेगी।
अपर मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि विभाग रोज़ाना स्थिति की समीक्षा कर रहा है ताकि हर पात्र बच्चे तक सहायता समय पर पहुंच सके और कोई भी बच्चा ठंड या आर्थिक कठिनाई के कारण स्कूल से दूर न हो।



