Raghav Chadha on Congress: राजस्थान कांग्रेस में भारी घमासान जारी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुख्यचमंत्री पद छोड़ने की खबर के बाद राजस्थान में एक बार फिर से गहलोत गुट और सचिन पायलट गुट के बीच विवाद शुरू हो गया है. पायलट के मुख्यमंत्री बनाये जाने की खबर से नाराज कांग्रेस के 100 से अधिक विधायकों ने इस्तीफे की धमकी दे दी है और विधायक दल की बैठक का भी बहिष्कार कर दिया. वहीं कांग्रेस पर मंडरा रहे संकट के बीच आम आदमी पार्टी (AAM AADMI PARTY) के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने चुटकी ली है. कांग्रेस के संकट की खबरें आने के बाद चड्ढा ने एक ट्वीट में लिखा कि ‘कांग्रेस ख़त्म है…केजरीवाल विकल्प है.’ आप ने राघव चड्ढा को गुजरात में पार्टी मामलों का सह प्रभारी बनाया है. इसके बाद से ही वो कांग्रेस पर हमले का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. उन्होंने शनिवार को अपना गुजरात दौरा शुरू किया था. इस दौरान उनके निशाने पर कांग्रेस ही थी. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी अब बूढ़ी हो चुकी है, वह बीजेपी को नहीं हरा सकती है. उन्होंने कहा था कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्हें भगवान ने ऐसी चीजें करने का आशीर्वाद दिया है.
राजस्थान में आप पार्टी की नज़र
दरअसल रविवार शाम सात बजे जयपुर में राजस्थान के कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. इसमें प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम को लेेकर चर्चा होनी थी. लेकिन बैठक से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक 82 विधायकों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया. यह खबर आते हैं विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर हमला शुरू कर दिया. राघव चड्ढा का ट्वीट भी इसी क्रम में आया था.
इस घटनाक्रम पर आम आदमी पार्टी की राजस्थान की ईकाई ने ट्विटर पर लिखा, ” प्रिय राहुल गांधी जी, पहले राजस्थान कांग्रेस को जोड़ लीजिए.”एक दूसरे ट्वीट में उसने लिखा, ”कांग्रेस खत्म है…केजरीवाल जी विकल्प है.” आप ने यह भी लिखा, ”राजस्थान में सरकार नहीं, मजाक चल रहा है !”
आम आदमी पार्टी आजकल कांग्रेस पर हमले का कोई भी मौका गवांना नही चाह रही हैं, लगातार आप पार्टी कांग्रेस पर हमलावर है, देखा जाएं तो पंजाब में भी आप पार्टी ने कांग्रेस को पछाड़ अपना सिक्का जमाया हैं. पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट बहुमत हासिल कि थी . प्रदेश की कुल 117 सीटों में से आम आदमी पार्टी ने 92 सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, वहीं कांग्रेस 18 और बीजेपी दो सीटों पर जीत दर्ज की थी.
गुजरात पर आप पार्टी लहरा पाएगी अपना परचम!
गुजरात का सहप्रभारी बनाए जाने के बाद राघव चड्ढा शनिवार को पहली बार वहां के दौरे पर पहुंचे.राजकोट में उन्होंने कांग्रेस को बूढ़ी पार्टी बताते हुए गुजरात में उसकी दावेदारी खारिज कर दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बूढ़ी हो चुकी है, जो बीजेपी को टक्कर देने में विफल रही है. कांग्रेस वह थकी और हारी पार्टी है, जो पिछले 27 साल से बीजेपी को टक्कर नहीं दे पाई और जो पार्टी टक्कर नहीं दे पाई वह अब क्या करेगी. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस अब बहुत पुरानी पार्टी बन गई है, जिसकी ओर गुजरात के मतदाता देखते तक नहीं हैं.
27 साल के शासन के बाद लोग बीजेपी से ऊबे
राघव चड्ढा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि मुझे गुजरात का सह-प्रभारी बनाकर अरविंद केजरीवाल ने युवा कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी डाली है. मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि मैं सही रास्ते पर चलकर ईमानदारी के रास्ते पर चलकर अपनी जिम्मेदारी निभा सकूं और अपनी पार्टी की जो उम्मीदें है उस पर खरा उतर सकूं. गुजरात में पिछले 27 साल से भाजपा की ही सरकार है. मैं युवा पीढ़ी से आता हूं और मेरी उम्र के जितने भी लोग होंगे उन्होंने पैदा होकर अब तक भाजपा का ही शासन देखा है. गुजरात में 27 साल के शासन के बाद लोग बीजेपी से ऊब गए हैं. और आज हर गुजराती के मन में तीन चीजे हैं. पहली चीज बदलाव, दूसरी चीज बदलाव और तीसरी चीज भी बदलाव. वह बदलाव कांग्रेस पार्टी नहीं दे सकती. जो पार्टी पिछले 27 साल से भाजपा को नहीं हरा सकी वह अब क्या हराएगी? इसलिए लोग बड़ी उम्मीद से अरविंद केजरीवाल जी और आम आदमी पार्टी की ओर देख रहे हैं.
दिल्ली का मॉडल ऑफ गवर्नेंस अपनाने की बारी गुजरात की- राघव चड्ढ़ा
राघव चड्ढ़ा ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल ने एक मॉडल ऑफ गवर्नेंस दिल्ली में दिखाया, पंजाब के लोगों ने उसे अपनाया और अब उसे अपनाने की बारी गुजरात की है. मैं गुजरात में आया, गुजरात के लोगों से बातचीत की तो मालूम पड़ा कि हर जगह आज गुजरात में लोग नाखुश है. हर जगह आंदोलन हो रहा है, हर जगह सरकार का विरोध हो रहा है. मैंने पता लगाने की कोशिश करें कि गुजरात में कौन लोग आंदोलन कर रहे हैं तो पता चला कि गुजरात के सरकारी कर्मचारी, क्लास 3, क्लास 4 के सरकारी कर्मचारी, फिक्स पगारधारी सरकारी कर्मचारी, कांट्रेक्चुअल और आउटसोर्स कर्मचारी, विद्यासहायक, आंगनवाड़ी वर्कर, मिड डे मील के स्टाफ वर्कर, स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन कर्मचारी, विसीई, मनरेगा वर्कर, मिशन मंगलम के वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस के लोग, पूर्व सैनिक, पूर्व सीआरपीएफ के लोग, पूर्व सीआईएसफ के लोग, होमगार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जीआईएसएफ के जवान, आशा वर्कर, सरकारी डॉक्टर, हेल्थ केयर वर्कर, ट्यूबरक्लोसिस प्रोग्राम के वर्कर, किसान, मालधारी, सरकार को सेवा देते-देते जिन की जानें चली गई उनके पीड़ित परिवार, लोक रक्षक दल के एस्पिरेंट, टीचर्स एलिजिबिलिटी पास किए गए एस्पिरेंट, ग्राम सेवक ऑफिसर पोस्ट के एस्पिरेंट यह सब लोग आंदोलन कर रहे है. हर तरफ गुजरात में लोग भाजपा सरकार से नाराज हैं.
अब देखना होगा कि पार्टी जिस तरह से दिल्ली और पंजाब में अपना परचम लहराया हैं, क्या गुजरात में बीजेपी और रााजस्थान में कांग्रेस की गद्दी पर अपना हक़ जमा पाएगी, जनता क्या आप पार्टी को देगी मौका या फिर गुजरात में बजेगा बीजेपी का दमका