राजस्थान और मध्यप्रदेश में लगातार हो रही मानसून की भारी बारिश के कारण चंबल नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. कोटा बैराज सहित अन्य बांधों से चंबल नदी में पानी छोड़े जाने के बाद धौलपुर जिले में चंबल नदी जबर्दस्त उफान पर आ गई है. पूर्वानुमान के अनुसार ही मंगलवार रात को चंबल नदी का जलस्तर 139.60 मीटर हो गया. यह खतरे के निशान से करीब 10 मीटर ऊपर पहुंच गया. इससे जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया. सुरक्षा की दृष्टि से सेना के 75 जवानों को राजाखेड़ा इलाके में चंबल नदी किनारे के गांव में तैनात कर दिया गया है. बाढ़ संभावित क्षेत्रों के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है.
कोटा बैराज के पानी से बढ़ा जलस्तर
राजस्थान के कोटा बैराज से मंगलवार को दो बार में 10 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के चलते इटावा की चंबल नदी खतरे के निशान 119 मीटर को पार कर गई है. दोपहर तक चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर 123.60 मीटर पर पहुंच गई और अपना रौद्र रूप दिखा रही है. जिसके कारण चकरनगर और बढ़पुरा ब्लॉक के 15 गांव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. यही नहीं कुछ गांवों का संपर्क मार्ग मुख्यालय से टूट चुका है और गांव में पानी घुसने शुरू हो चुका है. पिछले साल भी राजस्थान के कोटा बैराज से एक साथ 10 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के चलते इटावा के चंबल नदी से लगे हुए चकरनगर ब्लॉक के एक दर्जन गांव बुरी तरह प्रभावित हुए थे.
जिलाधिकारी, एसएसपी ने किया इलाके का दौरा
जलस्तर बढ़ते ही जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया. जिलाधिकारी अवनीश राय और एसएसपी जयप्रकाश सिंह जनपद के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हालात का जायजा लेने चकरनगर ब्लॉक के भरेह गांव पहुंचे. यहां पिछले वर्ष की तरह इस साल भी पानी गांव में घुसना शुरू हो गया है जिससे किसानों की कई बीघा फसलों को नुकसान पहुंचा है. वहीं चंबल से ही लगे हुए एक अन्य बढ़पुरा ब्लॉक के गांव बसवारा और मड़ैया करील गढ़ भी प्रभावित होने शुरू हो गए हैं. चंबल के तलहटी में बसे गांव के निचले इलाकों में पानी पहुंचने से गांव के संपर्क मार्ग मुख्यालय से अलग हो गए हैं.
जिलाधिकारी अवनीश राय ने बताया कि गांव के निचले इलाकों में बसे ग्रामीणों को ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है. अभी तक किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है. बाढ़ से प्रभावित गांव में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एक मेडिकल टीम नियुक्त कर दी गई है. एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई है साथ ही एक दर्जन से ज्यादा बाढ़ चौकी बनाकर गांव में नाव और नाविक भी लगा दिए गए हैं.