जब चलती ट्रेन में सरिया घुसने से जान गवांने वाले हरिकेश दुबे के परिजनों को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को पांच लाख रुपए देने की घोषणा की है। इससे पहले, रेलवे ने 15 हजार की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी, पर हरिकेश के परिजनों ने इसे लेने से मना कर दिया था। हरिकेश के पिता संतराम दुबे ने कहा कि हादसे के फौरन बाद सूचना मिलते ही हम लोग शुक्रवार को ही अलीगढ़ पहुंच गए। इसके बावजूद अधिकारियों ने पोस्टमार्टम के लिए उन्हें शनिवार सुबह तक इंतजार कराया। अधिकारियों ने उनसे 15 हज़ार की अनुग्रह राशि के कागजों पर साइन करने के लिए कहा तो उन्होंने मना कर दिया।
रेल मंत्री ने किया 5 लाख रूपए के मुआवजे का एलान
वहीं हरिकेश के पिता संतराम रात भर पोस्टमार्टम का इंतज़ार करते रहे। जब शव सौंपने में देरी के साथ अफसरों की बेरुखी दिखी तो आहत होकर शव एंबुलेंस में लेकर रेलवे स्टेशन पहुंच गए। जहां उन्होंने जमकर बवाल काटा। वहीं प्रर्दशन व हंगामे का आशंका को देखते हुए रेल अफसर सतर्क हो गए। आखिरकार सुल्तानपुर की सांसद मेनका गांधी और पूर्व विधायक देव मणि की पहल के बाद रेल मंत्री ने 5 लाख के मुआवजे की घोषणा की। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल एवं मीडिया को जारी बयान कर इसकी जानकारी दी।
दिल्ली से आ रही सिलांचल एक्प्रेस में शुक्रवार को दिल्ली हावड़ा रेलवे ट्रैक पर सोमना और डांबर रेलवे स्टेशन के बीच सरिया घूस जाने से जनरल कोच में सवार सुल्तानपुर के हरिकेश दुबे की हुई मौत को लेकर परिजनों में रेलवे की लापरवाही को लेकर खासा रोष है। उन्होंने कहा कि अफसरों का यह रवैया ठीक नहीं है।
वहीं रेलवे अफसरों ने जैसे तैसे उन्हें समझाया एंबुलेंस समेत सुल्तानपुर के लिए रवाना कराया उधर, रेलवे अफसरों की संयुक्त टीम ने अलीगढ़ पहुंचकर जांच पड़ताल की और जिम्मेदारी तय की है। प्रथमदृष्टया पीडब्ल्यूआई विभाग की लापरवाही मानी जा रही है। हालांकि रेलवे अफसर इस मामले में पूरी तरह से अभी चुप्पी साधे हुए हैं और कुछ भी बताने से इंकार कर रहे हैं।