सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की समधन व भाजपा नेता अपर्णा यादव की मां अम्बी बिष्ट के तबादले को लेकर शासन अब सख्त होता नजर आ रहा है। बता दें कि छह महीने पहले ही दो जोनल अफसरों का दूसरे जिलों में तबादला किया गया था। हालांकि, इसके बाद भी ये अब तक लखनऊ नगर निगम में ही है। अब निदेशक स्थानीय निकाय ने इस मामले की रिपोर्ट मांगकर नगर आुक्त को इन्हें तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त करने का आदेश दिया गया है।
शासन ने तबादला नीति के तहत तीन साल से एक जगह तैनात अफसरों को दूसरे जिलों में स्थानांतरित किया था। इसमें अम्बी बिष्ट का नगर पालिका परिषद बाराबंकी और बिन्नो अब्बास रिजवी का अयोध्या नगर निगम में तबादला हुआ था। लेकिन निगम प्रशासन ने इन्हें तो कार्यमुक्त कर दिया, वहीं प्रभावशली अम्बी बिष्ट व बिन्नो अब्बास यहीं बनी रहीं।
बिन्नो के उच्चाधिकारियों से अच्छेे संबंध है। इससे शासन ने भी कोई संज्ञान नहीं लिया। बीते माह तबादले होने पर नगर आयुक्त ने कर अधीक्षक राजेश सिंह, चंद्रशेखर यादव, राजेंद्र पाल व रीता बाजपेयी को तत्काल कार्यमुक्त कर दिया तो मामला फिर से गरमाया और शासन तक पहुंच गया।
नेहा शर्मा और अम्बी बिष्ट को तत्काल कार्यमुक्त करने का अदेश जारी किया
अब निदेशक स्थानीय निकाय नेहा शर्मा ने नगर आयुक्त को अम्बी बिष्ट व बिन्नो अब्बास को नई तैनाती पर जाने के लिए तत्काल कार्यमुक्त करने का अदेश जारी किया है। जिसके साथ ही यह रिपोर्ट भी मांगी है कि 30 जून को तबादला आदेश जारी करने के बाद भी इन्हें क्यों नही कार्यमुक्त किया गया। जानकारी के मुताबिक आपको बता दें की दोनों जोनल अफसर प्रभावशाली हैं। इसके चलते अम्बी बिष्ट निकाय सेवा की होने के बावजूद लंबे यमय तक एलडीए में रहीं। सात साल पहले उनका तबादला नगर निगम में हुआ था। इस बीच एक बार लखनऊ से बाहर भी तबादला हुआ, जो एक महीने में बदल गया। इसके बाद से वे नगर निगम में ही हैं।
बिन्नो अब्बास रिजवी का भी ज्यादा समय लखनऊ में बीता है। करीब पांच साल पहले उनका तबादला बाराबंकी हुआ था। वहां साल भर रहने के बाद वे निदेशक स्थानीय निकाय आ गई। फिर दो साल पहले नगर निगम आई और तबसे यही हैं। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह का कहना है किि अभी आदेश देखा नहीं है। शासन का जो आदेश होगा, उस पर अमल किया जाएगा। मांगी गई रिपोर्ट भी भेजी जाएगी।