लखनऊ: अतीक के बेटे असद और गुलाम का केस तो आपको याद ही होगा। दोनों ही एनकाउंटर में मारे गए थे। इसी कड़ी में आज यानी गुरुवार को खूंखार गैंगस्टर अनिल दुजाना उर्फ़ अनिल नागर एनकाउंटर में ढेर हो गया है। यूपी एसटीएफ ने मुठभेड़ में एनकाउंटर किया है। ग्रेटर नोएडा के बादलपुर थाना क्षेत्र का गैंगस्टर था। यूपी एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में गैंगस्टर अनिल दुजाना ढेर हो गया। आइए आपको बताते हैं कौन हैं गैंगस्टर ?
75,000 रुपए का इनामी आरोपी था गैंगस्टर
अनिल दुजाना जिसके नाम से पश्चिमी उत्तर प्रदेश काँप उठता। आरोपी 75,000 रुपए का इनाम था। एक तरह से कहे तो ये जुर्म की दुनिया का शहंशा था। अनिल दुजाना अपने ही गांव के उस डाकू से प्रभावित था, जिसने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जान से मारने की धमकी दी थी। 2012 में जेल में बंद था गैंगस्टर। इसके साथ 2021 में जमानत मिली। आपको बता दें, ग्रेटर नोएडा के बादलपुर का रहने वाला था।
कैसे बना गैंगस्टर ?
साल 2004 की बात है, जब भारी सुरक्षा के बावजूद सुंदर भाटी ने गैंगस्टर नरेश भाटी की हत्या कर दी, उसी नरेश के छोटे भाई रणदीप ने सुंदर भाटी की जान लेने की कसम खा ली थी। रणदीप की इस कसम को पूरा करने के लिए उसका मामा कसाना मैदान में उतरा। उस समय अनिल दुजाना अमित कसाना का खास आदमी था। इस मामले में अमित ने अनिल के साथ भी हाथ मिला लिया। उनका एक ही मकसद था रणदीप का बदला चुकाना और लोगों के सामने ह्त्या करके खौंफ कायम करना। इसके लिए उन्होंने साहिबाबाद में होने वाली सुंदर भाटी के साले की शादी को चुना। 18 अक्टूबर 2011 में गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई, लेकिन भाटी जैसे तैसे बच निकला। वहीं इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई।
ऐसे हुआ एनकाउंटर
मिली जानकारी के अनुसार कुख्यात अनिल दुजाना के मेरठ में भोला झाल पर सक्रिय होने की पुख्ता जानकारी होने के बाद एसटीएफ ने उसे चारों ओर से घेर लिया जिसके बाद इस माफिया के एनकाउंटर की जानकारी सामने आ रही है।