आदिवासी लगातार हाशिये पर जाता समाज है..ये वो लोगों है..जिन्हें आम लोगों या भारतीय को मिलने वाले सुख से वंचित रखा जाता है..
इन्हें वो सुविधाएं नहीं मिल पाती जो आम भारतीय नागरिकों को मिलती है..हालांकि केंद्र सरकार लगातार इनके लिए काम कर रही है..
भारत सरकार की और से इनके लिए तरह-तरह की योजनाएं चलाई जा रही है..साथ ही आदिवासी लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के प्रयास कर रही है जिससे उनका कल्याण सुनिश्चित हो सके..लेकिन फिर भी आदिवासी लोग हाशिये पर जाते जा रहे है..
तमाम सुविधाओं से वंचित रह कर आदिवासी समाज की एक लड़की ने देश का नाम रोशन किया है..दरअसल ये खबर असम के डिब्रूगढ़ की एक आदिवासी लड़की है..इस आदिवासी लड़की ने 11वीं दक्षिण एशियाई आशिहारा कराटे चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है..
खिलाड़ी का नाम राजीना गोवाला है..उसने बताया कि, मैं “दिन में काम पर जाने की वजह से नियमित कक्षाएं नहीं ले सकती थी.. इसलिए मैं जल्दी सुबह कराटे की कक्षाएं लेती हूं..मैं पिछले 7 साल से कराटे सीख रही हूं..”
वहीं राजीना गोवाला के कराटे प्रशिक्षक तपन बताते है..हम बहुत से एसोसिएशन के साथ संपर्क में हैं..हमें प्रैक्टिस के लिए सामान की ज़रूरत पड़ती है लेकिन हम वह खरीद नहीं सकते..ऐसी में कई दिक़्कतें हैं इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वह महिलाओं के लिए भी थोड़ी मदद करे..