Astra Zeneca: एस्ट्राजेनेका नामक एक कंपनी, जो दुनिया भर में कोरोनावायरस महामारी के दौरान लोगों को टीके देती है, ने अपना कोरोना टीका वापस मांग लिया है। कम्पनी ने कहा कि वह वैक्सजेवरिया वैक्सीन को दुनिया भर से वापस मंगा रही है। भारत में भी कोरोना से बचाव के लिए एस्ट्राजेनेका के लाइसेंस वाली कोविशील्ड वैक्सीन दी गई थी। भारत में वैक्सजेवरिया वैक्सीन की तरह कोविशील्ड वैक्सीन भी उसी फार्मूले पर बनाई गई है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोरोना वैक्सीन को विकसित किया था, लेकिन अभी तक देश ने इसे वापस नहीं लिया है।
नया संस्करण अलग
The Telegraph के अनुसार, Astra Zeneca ने कहा कि वैक्सीन का नया संस्करण उपलब्ध है, इसलिए वैक्सीन के पुराने स्टॉक को वापस मंगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने 5 मार्च को ही वैक्सीन वैक्सजेरवरिया को वापस मंगाने का निर्णय लिया था, लेकिन यह आदेश 7 मार्च से लागू हो गया था। ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मास्यूटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने हाल ही में स्वीकार किया कि कोविड वैक्सीन के दुष्प्रभावों ने कुछ लोगों में थ्रंबोसिस थ्रंबोसाइटोपीनिया सिंड्रोम (खून के थक्के जमने की बीमारी) के लक्षण दिखाए हैं।
कंपनी के खिलाफ मुकदमे
कोविड वैक्सीन को लेकर एस्ट्राजेनेका कंपनी ने कई मुकदमे झेले हैं। कोविड वैक्सीन लगाने के बाद कई लोगों की मौत हो गई है, ऐसा आरोप है। जैमी स्कॉट ने एस्ट्राजेनेका के खिलाफ शिकायत की है। स्कॉट का कहना है कि वैक्सीन लेने के बाद उसके दिमाग में ब्लीडिंग हुई और उसके शरीर में खून के थक्के जम गए। उसके मस्तिष्क को इससे नुकसान हुआ। कंपनी के खिलाफ ऐसे ही पच्चीस से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। कंपनी ने कोर्ट में भी स्वीकार किया कि कोरोना वैक्सीन के कुछ दुर्लभ मामलों में दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
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भारत में भी चिंताएं उठी
एस्ट्राजेनेका ने यूरोप और विश्व भर से कोरोना वैक्सीन वापस मांगने का निर्णय लिया है। भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। भारत भी कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर चिंतित है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है और वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर सुनवाई की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई के लिए सहमत हो गया है, लेकिन अभी तक सुनवाई की तारीख नहीं तय की गई है।