एक था अतीक, एक था अशरफ, दोनो मर गए, खत्म हुई कहानी…, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शनिवार देर रात पुलिस कस्टडी में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की ताबड़तोड़ गोसियां मारकर हत्या हो गई। हाई प्रोफाइल अपराधी की इस तरह की हत्या के बाद कई सवाल भी उठ रहे हैं। विपक्षी नोताओं ने पुलि, को निशाने पर लिया है।एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि पुलिस ने एक भी गोली नहीं चलाई। हालांकि, वहां मौजूद एक चश्मदीद ने कुछ अलग ही दावा किया है।
घटनासथल पर मौजूद एक निजी मीडिया संस्थान के संवाददाता शिवकुमार ने दावा किया है कि पुलिस ने भी गोली चलाई थी। हालांकि, वह अपराधियो को लगी नहीं। एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में बताया कि जब हमलावरों ने अतीक पर गोलियां बरसाई, उसी समय एक पुलिस वाले ने भी जवाबी गोली चलाई थी।
चश्मदीद का दावा पुलिस ने भी चलाई थी गोली
शिवकुमार ने बताया कि वह रिपोर्टिंग के लिए वहां मौजूद थे। अतीक और अशरफ को पुलि, की गाड़ी में लाया गया। दोनों पुलिस जीप से उतरने के बाद करीब 10 कदम ही चलते थे, तभी हमलावरों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। पहली और दूसरी गोली अतीक अहमद को मारी गई। अगली गोली अशरफ को लगी। दोनों जमीन पर गिर गए और उसके बाद भी हमलावर गोलियां चलाते रहें। पहली और दूसरी गोली अतीक अहमद को मारी गई। अगली गोली अशरफ को लगी। दोनों जमीन पर गिर गए और उसके बाद भी हमलावर गोलियां चलाते रहें।
चश्मदीद ने दावा किया कि हमलावरों के फायरिंग करने के बाद उन्होंने एक पुलिसवाले को अपराधियों की तरफ गोली चलाते देखा था, लेकिन यह गोली निशाने पर नहीं लगी। वह अगली गोली चलाने ही वाला था, तभी अपराधियों ने हाथ उठाकर सरेंडर कर दिया।
पत्रकार को बचाने के लिए उसके ऊपर लेट गए
शिवकुमार ने बताया कि जब गोली चलने लगी तो वह अपने एक साथी पत्रकार को जमीन पर गिराकर उनके ऊपर लेट गए। उन्होंने बताया कि तीनों हमलावर मीडियाकर्मी के रूप में आए थे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पहले हमलावरों को कभी नहीं देखा था।