प्रयागराज कोर्ट से अतीक अहमद के भाई अशरफ को सुरक्षित बरेली जिला जेल पहुंचा दिया गया है। हालांकि इस दौरान अशरफ ने पुलिस के एक बड़े अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाया है। अशरफ ने बताया कि उसे जान से मारने की धमकी मिली है। उसने कहा कि उसे किसी न किसी बहाने से जेल से निकालने के बाद उसका एनकाउंटर कर दिया जाएगा। वहीं साथ ही उसने कहा कि प्रयागराज से बरेली तक उसे खाने को कुछ भी नहीं मिला, जबकि उसने रोजा रखा हुआ है। बता दें कि अशरफ ने अभी तक उस पुलिस अधिकारी का नाम नहीं बताया है,जिसने उसे धमकी दी। उसने कहा कि वह बंद लिफाफे में उस बड़े अधिकारी का नाम भेज देगा।
जेल जाते वक्त अशरफ को सताया एनकाउंटर का डरा
आपको बता दें कि 17 साल पुराने उमेश पाल मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला आने के बाद माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ अहमद को बरेली जेल वापस भेज दिया गया है। वहीं असरफ का कहना है कि उसे किसी बहाने से जेल से बाहर निकालेंगे और निपटा देंगे, अगर उसके साथ कुछ ऐसा होता है तो एक बंद लिफाफा सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद कोर्ट के जज और मुख्यमंत्री को भेज दिया जाएगा। वहीं जेल जाते वक्त अशरफ अपने एनकाउंटर को लेकर काफी डरा हुआ दिखा। अशरफ का कहना है कि वो बहुत साल से जेल में है, ऐसे में वो किसी की हत्या कैसे कर सकता है।
मुख्यमंत्री ‘मेरा दर्द समझते होंगे‘– अशरफ
अपने उपर लगे आरोपों पर अशरफ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी कई झूठे मुकदमे दर्ज हुए हैं। उसका दर्द वो समझते होंगे। अशरफ ने कहा कि उमेश का जब अपहरण हुआ तब भी वह जेल में ही था और उसकी हत्या हुई तब भी वह जेल में था। उसने आगे कहा कि ‘मैं को ई माफिया नहीं, क्या आपको मैं माफिया दिख रहा हूं। मेरा भाई विधायक और सांसद रह चुका है, मैं भी विधायक रह चुका हूं। मेरा भाई कई साल से जेल में है, मैं 3 साल से जेल में हूं। शाइस्ता प्रवीण मेयर का चुनाव लड़ने वाली थीं, इसलिए उनको फंसाया है। “अशरफ ने कहा कि मुझे दो हफ्ते में निपटने की प्लानिंग है। उसने कहा कि अतीक से कोर्ट में मुलाकात हुई, बात भी हुई, आज कुछ खाने को भी नहीं मिला मेरा रोजा था, केवल पानी पिया है।
गोरतलब है कि प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में मंगलवार को उमेश पाल अपहरण केस की सुनवाई हुई। इस दोरान साबरमती जेस से अतीक अहमद को और बरेली जेल से अशरफ को लाकर कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने मामले पर फैसला सुनाते हुए अतीक अहमद को मामले में दोषी ठहराते हुए उसे उम्रकैद और एक लाख के जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं, अशरफ को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया है। मामले की सुनवाई पूरी हो जाने के बाद दोनों भाइयों को उनकी जेलों में वापस भेज दिया गया।