माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की भले ही मौत हो गई हो, लेकिन पिछले चार दशक में खड़े गए उसके काले साम्राज्य यानी काले धन और अवैध वसूली की जांच जारी रहेगी। ईडी अतीक अहमद की मौत के बाद भी उसके खिलाफ चल रही मनी लांड्रिंग की जांच जारी रहेगी। उसपर कोई असर नहीं पड़ेगा। डरा-धमका कर जिन-जिन से वसूली की गई, उनके नाम और वसूली करने वाले गुर्गों की लिस्ट बनाई जा रही है। अतीक और उसके गुर्गों की संपत्तियों का पता लगाकर उन्हें जब्त किया जाएगा।
बता दें कि अतीक अहमद के ठिकानों पर छापेमारे के दौरान ईडी को अवैध वसूली, काले धन को खपाने के लिए शेल कंपनियों के इस्तेमाल के अलावा किसानों की जमीन पर अवैझ कब्जे से जुड़े अहम दस्तावेज मिले हैं। कई रजिस्टर भी मिले हैं, जिनमें डरा-धमका कर की गई वसूली का पूरा हिसाब रखा गया है। जिस व्यक्ति से वसूली की गई, उसका नाम और जिसके द्वारा वसूली के पैसे आए थे उसका भी नाम भी शामिल है। इन रजिस्टरों की जांच की जा रही है। उसकी के आधार पर संबंधित लोगों से पूछताछ करेगी।
वहीं ईडी को अतीक अहमद के ठिकानों से कई शेल कंपनियों के दस्तावेज भी मिले हैं। जिनके जरिए माफिया काली कमाई को सफेद बनाने का काम करता था। इसके अलावा ईडी को किसानों को डरा-धमकाकर सस्ते में खरीदी गईं जमीनों के 100 सेल डीड भी मिले हैं।
जल्द ही इन किसानों के बयान दर्ज किया जाएगा। ताकि पता सग सके कि आखिर उन्हें किस तरह से माफिया ने कम पैसे में अपनी जमीन बेचने के लिए मजबूर किया। जबरन जमीन खरीदने का मामला साबित होने पर ईडी जमीनों को जब्त कर सकती है। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत वापस किसानों को लौटा सकती है।