प्रयागराज: खत्म हो गया माफियाराज.. दो दिन पहले असद और गुलाम का एनकाउंटर.. उसके ठीक बाद अतीक और अशरफ की खुलेआम हुई हत्या.. शनिवार रात जब पुलिस दोनों को मेडिकल टेस्ट के लिए हॉस्पिटल लेकर जा रही थी.. उसी वक्त.. पत्रकार साथ-साथ चलते हुए अतीक-अशरफ से सवाल कर रहे थे.. फिर आई वो घड़ी जब तीन लोगों ने खुलेआम मीडिया के सामने, पुलिस की मौजूदगी में.. अतीक के सिर पर गोली मार दी.. कड़ी सुरक्षा के बीच अतीक की ह्त्या.. कई सवाल खड़े करती है। इसे लेकर सीएम योगी ने कहा की.. कानून के साथ कोई भी खिलवाड़ न करे..अतीक की हत्या के बाद विपक्ष यूपी सरकार पर हमलावार हो गया है.. अखिलेश यादव से लेकर ओवैसी तक सभी इसे लेकर यूपी सरकार पर तंज कस रहे हैं.. आइए जानते हैं किस ने क्या कहा?
अखिलेश यादव के ट्वीट के बारे में
अतीक और अशरफ के हत्याकांड मामले में.. उत्तरप्रदेश के सीएम ने कहा.. उप्र में अपराध की प्राकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।
मायवती का रिएक्शन
वहीं इसे लेकर मायवती दो ट्वीट किए.. पहले ट्वीट में उन्होंने कहा… 1. गुजरात जेल से अतीक अहमद व बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में कल रात पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हुई हत्या कर दी गई, उमेश पाल जघन्य हत्याकांड की तरह ही, यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर अनेकों गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है।
वहीं दूसरे में ट्वीट में उन्होंने लिखा- देश भर में चर्चित इस अति गंभीर व अति-चिन्तनीय घटना का माननीय सुप्रीम कोर्ट अगर स्वंय ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर.. वैसे भी उत्तर प्रदेश में “कानून द्वारा कानून के राज” के बजाय, अब इसका इण्काउण्टर प्रदेश बन जाना कितना उचिते? सोचने की बात ।
ओवैसी का रिएक्शन
इस मामले में ओवैसी ने ट्वीट किया और कहा कि अतीक़ और उनके भाई पुलिस की हिरासत में थे। उन पर हथकड़ियाँ लगी हुई थीं। JSR के नारे भी लगाये गये। दोनों की हत्या योगी के क़ानून व्यवस्था की नाकामी है। एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के ज़िम्मेदार हैं.. इस तरह से विपक्ष ने प्रशासन के ऊपर कई सवाल उठाए
प्रियंका गांधी का ट्वीट
हमारे देश का क़ानून संविधान में लिखा गया है, यह क़ानून सर्वोपरि है। अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, मगर देश के क़ानून के तहत होनी चाहिए। किसी भी सियासी मक़सद से क़ानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। आगे उन्होंने लिखा जो भी ऐसा करता है, या ऐसे करने वालों को सरंक्षण देता है, उसे भी ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उस पर भी सख्ती से क़ानून लागू होना चाहिए। देश में न्याय व्यवस्था और कानून के राज का इकबाल बुलंद हो, यही हम सबकी कोशिश होनी चाहिए। इसके साथ ही प्रियंका गांधी ने लिखा..
पप्पू यादव का रिएक्शन
उन रक्तपिपासु एंकर-एंकरांओं से पूछना चाहता हूं अतीक बंधुओं की हत्या करने वाले आतंकवादियों की भी गाड़ी पलटने की मांग करेंगे क्या? क्या उनके एनकाउंटर के लिए भी माहौल बनाएंगे क्या? जिस सरकार का कोई इक़बाल न होता है, व्यवस्था चरमराई होती है वह एनकाउंटर का एडवेंचर खेल सच छुपाती है।
जयंत सिंह की प्रतिक्रिया
जिस वक्त अतीक और अशरफ पर हमला हुआ उस दौरान का वीडियो शेयर करते हुए जयंत सिंह ने ट्वीट किया और लिखा.. क्या ये लोकतंत्र में संभव है #जंगल_राज
राजेश्वर सिंह
अतीक..अपराधी/माफिया/गैंगस्टर, 100 नामजद एफआईआर/54 मुकदमे, गवाहों के मुकरने पर बहुत कम प्रगति/पुलिस गैंग चार्ट के अनुसार गिरोह के 144 सदस्य/10 एचसी जजों ने अपने मामलों की सुनवाई से खुद को अलग किया/11000 करोड़ की संपत्ति।
मनोज काका
उप्र में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसीकी हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।
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