Car Features: आजकल ज्यादातर कारों में सनरूफ एक स्टाइलिश और जरूरी फीचर माना जाने लगा है। ये देखने में जितनी शानदार लगती है, लोग उतनी ही मस्ती भी करते हैं।खासतौर पर जब चलती गाड़ी में कोई सनरूफ से बाहर निकलकर हवा का मजा लेता है। लेकिन अगर आप भी ऐसा सोचते हैं कि सनरूफ सिर्फ मस्ती करने के लिए होती है, तो आपको थोड़ा सतर्क हो जाना चाहिए। क्योंकि असल में ये फीचर किसी रोमांच के लिए नहीं, बल्कि बहुत ही खास जरूरत को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
कहां से आया सनरूफ का आइडिया?
सनरूफ का कांसेप्ट पश्चिमी देशों से आया है। यूरोप और अमेरिका जैसे ठंडे इलाकों में जहां सूरज कम निकलता है और सर्दी ज्यादा होती है, वहां कारों में रोशनी और ताजगी बनाए रखने के लिए सनरूफ का इस्तेमाल किया जाता है। इन देशों में सूरज की रोशनी तेज जरूर होती है, लेकिन उसका मिलना बहुत कम होता है। इसीलिए जब कार लंबे समय तक बंद रहती है, तो उसमें गर्मी और बदबू दोनों बनने लगती हैं।
कैसे काम करता है सनरूफ?
सनरूफ को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह कार के अंदर के तापमान को संतुलित रख सके। बंद कार में अंदर गर्म हवा और गैस बनती है, जिससे केबिन का माहौल खराब हो सकता है। लेकिन सनरूफ खोल देने से ये गर्म गैस बाहर निकल जाती है और अंदर ऑक्सीजन का लेवल भी बेहतर बना रहता है।
माइलेज और हवा पर असर नहीं
अक्सर लोग खिड़कियां खोलकर गाड़ी चलाते हैं, जिससे माइलेज पर असर पड़ता है और कार का एयरोडायनामिक संतुलन बिगड़ता है। लेकिन अगर आपके पास स्लाइडिंग सनरूफ है, तो आप उसे खोलकर ताजा हवा ले सकते हैं, वो भी बिना माइलेज खराब किए।
नेचुरल लाइट भी देती है फायदा
सनरूफ से कार के अंदर नेचुरल रोशनी भी बेहतर तरीके से आती है, जिससे आपको ज्यादा लाइट की जरूरत नहीं पड़ती और केबिन का माहौल खुशनुमा बना रहता है। इससे कार की लाइफ और केबिन का कंफर्ट दोनों बढ़ते हैं।
चलती कार में मस्ती? सावधान रहें
कई लोग चलती गाड़ी में सनरूफ से बाहर निकलकर वीडियो या फोटो लेने लगते हैं। लेकिन ये न सिर्फ खतरनाक है, बल्कि ट्रैफिक नियमों के अनुसार गैरकानूनी भी है। ऐसा करने पर दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है और आपको चालान भी भरना पड़ सकता है।