Azam Khan की रिहाई से यूपी की राजनीति हिली, रामपुर में हलचल! क्या होगी आगे की राह?

उत्तर प्रदेश की राजनीति में आज बड़ा झटका। सपा के दिग्गज नेता आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा होकर बेटों के साथ रामपुर के लिए रवाना, लेकिन कानूनी मुश्किलें अभी भी बरकरार।

Azam Khan

Azam Khan release from jail: उत्तर प्रदेश की राजनीति आज! यूपी के सबसे विवादित और ताकतवर नेता, सपा के दिग्गज आजम खान, 23 महीने बाद मंगलवार को सीतापुर जेल से रिहा हो गए। जेल के बाहर समर्थकों की भारी भीड़, सुरक्षा के कड़े इंतजाम और राजनीतिक गलियारों में उथल-पुथल ने इस रिहाई को बड़ा ड्रामा बना दिया। आजम अपने बेटों के साथ सीधे रामपुर के लिए रवाना हुए, लेकिन उनकी मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं। अदालत ने रिकार्ड रूम मामले में उन्हें 1 अक्टूबर को व्यक्तिगत हाजिरी का आदेश दिया है। आजम की रिहाई ने यूपी की सियासी बिसात हिला दी है और राजनीतिक दलों के लिए नए समीकरण बनाना अब अनिवार्य हो गया है।

जेल से रिहाई का ड्रामा

सोमवार को सीतापुर जेल ने 19 मामलों में रिहाई परवाने जारी किए। डूंगरपुर प्रकरण में 10 साल की सजा पाए आजम की जमानत हाईकोर्ट से पहले ही मंजूर हो चुकी थी। उनके अधिवक्ता ने कोर्ट में हाईकोर्ट आदेश दाखिल किए, जिसके बाद पुलिस और राजस्व प्रशासन ने जमानतियों का सत्यापन कराया। सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने रिहाई परवाने जेल अधीक्षक को सौंप दिए। जेल के बाहर समर्थकों की भीड़ ने आजम की रिहाई को यादगार बना दिया।

अदालत के नए आदेश और कानूनी सस्पेंस

हालांकि Azam Khan जेल से बाहर आए हैं, लेकिन कानूनी परेशानियाँ कम नहीं हुई हैं। रिकार्ड रूम मामले में अदालत ने उन्हें 1 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश दिया है। शत्रु संपत्ति मामले में क्लीन चिट मिलने के बावजूद आजम पर आईपीसी की धारा 467, 471 और 201 के तहत एडिशनल चार्जशीट दाखिल की गई है। कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया और राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

रामपुर में राजनीतिक भूकंप

Azam Khan की रिहाई ने रामपुर में सियासी गलियारों को हिला दिया है। उनके समर्थक जेल के बाहर जमा रहे, वाहवाहियों और नारेबाज़ी के बीच आजम सीधे रामपुर रवाना हुए। राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि आने वाले समय में आजम की हर हलचल यूपी की सियासत में भूचाल ला सकती है। विपक्षी दलों में भी हलचल तेज हो गई है, और सभी की नजरें अब रामपुर पर टिकी हैं।

आगे की राह और चुनावी असर

1 अक्टूबर को अदालत में Azam Khan की व्यक्तिगत हाजिरी उनके लिए नया ड्रामा साबित हो सकती है। यूपी चुनावी परिदृश्य में उनकी वापसी राजनीतिक रणनीतियों को पूरी तरह बदल सकती है। आजम खान की रिहाई ने चुनावी मौसम में जोश और भूचाल दोनों ला दिया है, और सियासत अब नए मोड़ पर है।

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